पंजाब में कई जगहों पर अचानक हुई बारिश ने जहां आम लोगों को गर्मी से राहत दी है, वहीं किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। तेज बारिश और ओलावृष्टि से मंडियों में खुले आसमान के नीचे पड़ी गेहूं की फसल बर्बाद हो गई। अपनी फसल लेकर मंडी पहुंचे किसानों के चेहरे मुरझाए नजर आ रहे हैं।
किसान नेता लवजीत सिंह ने कहा कि बेमौसम बारिश से उन्हें भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है। मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ी फसल बर्बाद हो गई है। फिलहाल गेहूं की खरीद जारी है, जिसके कारण किसानों की फसलें मंडियों में पड़ी हुई हैं। इसके साथ ही खरीद के बाद भुगतान न होने के कारण कुछ फसलें खुले में पड़ी हुई हैं।
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आपको बता दें कि गेहूं खरीद के दौरान हुई इस बारिश ने सरकार के दावों की पोल खोल दी है। बारिश के दौरान किसानों के पास न तो फसल ढकने के लिए पर्याप्त सामान था और न ही तिरपाल की व्यवस्था थी। इसके अलावा किसान बारूद की कमी से भी जूझ रहे हैं। वहीं, बाजारों के अलावा खेतों में खड़ी गेहूं की फसल भी बर्बाद हो गयी है।
किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। किसानों ने बताया कि गेहूं की फसल पूरी तरह पककर खेत में तैयार खड़ी है। ओलावृष्टि से पूरी फसल बर्बाद हो गई। आंधी-तूफान और बेमौसम बारिश ने किसानों की किस्मत बर्बाद कर दी है।