रोहतक। रोहतक के महम क्षेत्र में बड़ा हादसा सामने आया है। इमलीगढ़ गांव के पास बना जलघर दो बच्चों की मौत का कारण बन गया। दोनों बच्चे साइकिल चलाने के लिए जलघर के पास पहुंचे थे। संतुलन बिगड़ा तो वह साइकिल सहित जलघर में गिर गए। ग्रामीण मौके पर पहुंचे और बच्चों को बाहर निकाला। लेकिन, तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं। बच्चों की मौत के बाद दोनों परिवारों में कोहराम मच गया है। दोनों बच्चे एक ही स्कूल में पढ़ते थे।
जानकारी के अनुसार रविवार सुबह चार बच्चे खेलते खेलते कस्बे के बीडीपीओ कार्यालय के पास स्थित जलघर में पहुंच गए। पैर फिसलने से दो बच्चे वाटर टैंक में डूब गए। बाहर खड़े दो बच्चों ने उनको डूबते हुए देखा तो उन्होंने शोर मचा दिया। उनका शोर सुनकर पास के खेत में काम कर रहे लोग जलघर की ओर दौड़े। उन्होंने दोनों बच्चों को तुरंत पानी से तुरंत बाहर निकाल लिया। हादसे की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई। सिटी पुलिस चौकी से पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। दोनों बच्चों को उपचार के लिए महम के नागरिक अस्पताल में ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
जलघर के पास बच्चों का छोटा साइकिल भी पड़ा मिला है। बच्चों के शव की शिनाख्त हो गई है। एक मृतक बालक की पहचान यूपी के मुरादाबाद काका करुला इलाके का रहने वाले 10 वर्षीय आरिफ के रूप में हुई है, जो इमलीगढ़ गांव के राजकीय मिडल स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ता था। दूसरे बच्चे की शिनाख्त 13 वर्षीय भरत के रूप में हुई जो गांव का ही रहने वाला है। भरत के माता पिता नहीं है और उसके देखभाल दादी कर रही थी। भरत के चले जाने से बूढी दादी की आंखों से आंसू रुक ही नहीं रहे।
यूपी के मुरादाबाद के अखबार फैक्ट्री के पास रहने वाले प्यारेलाल ने बताया कि वह छह साल से महम में किराए पर कमरा लेकर रहता है। उसका बेटा आरिफगांव के दोस्तों भरत तथा अयान व रियान के साथ खेलने गया था। कुछ देर घर पर खेलने के बाद चोरों बच्चे साइकिल लेकर गांव इमलीगढ़ के पास बने जलघर के पास साइकिल चलाने को पहुंचे। भरत और आरिफ जलघर के पास साइकिल चला रहे थे। जबकि अयान और रियान जलघर के पास ही बैठे थे। साइकिल का संतुलन बिगड़ने पर भरत और आरिफ साइकिल सहित जलघर में गिर पड़े।
आरिफ की परवरिश जहां उसके माता-पिता कर रहे थे। वहीं भरत जब पांच साल का था, तब उसकी मां उसको छोड़कर कहीं चली गई थी। मां के जाने के बाद भरत अपने पिता हन्नी के पास रहता था। वह एक ट्रक ड्राइवर था और एक साल पहले हन्नी की भी बिहार में एक सड़क हादसे में मौत हो गई। अब वह अपनी दादी और चाचा के पास रहता था। भरत के चले जाने से घर में कोहराम मचा हुआ है।