Tuesday, May 7, 2024
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हांसी-महम-रोहतक रेलवे लाइन पर लोको पायलट की ट्रेनिंग शुरू, इसी सप्ताह से दौड़ेगी ट्रेन

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रोहतक जंक्शन के लोको पायलट को महम हांसी रेलमार्ग पर ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है। इस ट्रेनिंग का उद्देश्य से लोको पायलट को मार्ग के बारे में जानकारी दिलाना है। इससे उसे मार्ग में पड़ने वाले सिग्नल, स्टेशन, हॉल्ट के बारे में पूरी जानकारी हो सके।

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रोहतक। हांसी-महम-रोहतक रेलवे लाइन पर बीते एक दशक से ट्रेन चलने की उम्मीद लगाए बैठे लोगों के लिए खुशखबरी है। इस रूट पर अब आगामी दिनों में ट्रेन दौड़ती हुई नजर आएगी। आगामी 3-4 दिन में इस रूट पर ट्रेन चलने का उद्घाटन किया जा सकता है। ट्रेन चलाने से पहले उत्तर रेलवे के दिल्ली डिविजन के एडीआरएम इंफ्रा राजेश कुमार निरीक्षण कर चुके हैं और डीजल इंजन पर दौड़ा कर स्पीड ट्रायल भी हो चुका है।

कल से रोहतक महम-हांसी रेलमार्ग पर ट्रेनों के संचालन के लिए पायलट को ट्रेनिंग देने का काम का शुरू हो गया है। इसमें लोको पायलट को रेलमार्ग से इंजन लेकर भेजा जा रहा है। यह कवायद पायलट को मार्ग की पूरी जानकारी कराने के लिए है। इसके बाद सप्ताह भर में रेलमार्ग पर पैसेंजर ट्रेन चलाने की तैयारी की जा रही है। सीआरएस की टीम ट्रायल करके ट्रेनों के संचालन की अनुमति दे चुकी है। साथ ही भारी वजन के साथ मालगाड़ी चलाकर ट्रैक की मजबूती परखने का काम शुरू हो गया है। इसके बाद रेलवे ने मार्ग पर ट्रेनों को चलाने वाले लोको पायलट को मार्ग पर ट्रेनिंग देने की आदेश दिया था।

ट्रेनिंग कर रहे लोको पायलट

रविवार से तीन दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हो गया है। इसमें रोहतक जंक्शन के लोको पायलट को महम हांसी रेलमार्ग पर ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है। इस ट्रेनिंग का उद्देश्य से लोको पायलट को मार्ग के बारे में जानकारी दिलाना है। इससे उसे मार्ग में पड़ने वाले सिग्नल, स्टेशन, हॉल्ट के बारे में पूरी जानकारी हो सके। पहले दिन ट्रैक पर लोको पायलट ने इंजन लेकर मार्ग पर 3 से 4 बार भेजा गया। 3 दिनी ट्रेनिंग में यह सि​लसिला रहेगा। रेलवे अधिकारियों से बताया कि ट्रेनिंग का उद्देश्य लोको पायलट को पूरे मार्ग की स्थिति को मैमोराइज कराना है। ताकि हर चीज उन्हें अच्छे से याद हो सके इसका लाभ यात्री ट्रेन चलाते समय मिलेगा।

बता दें हांसी रेलवे स्टेशन उत्तर पश्चिम रेलवे के बीकानेर मंडल के अधीन आता है। जबकि हांसी-महम-रोहतक रेलवे लाइन उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल के अधीन आता है। रेलवे लाइन के विद्युतीकरण का कार्य पूरा न होने के चलते यहां पर अभी डीजल इंजन चलाया जाएगा। शुरुआत में यहां पर पैसेंजर ट्रेन चलाई जाएगी। रेलवे का मानना है कि शुरुआती ट्रेन चलाकर इस रूट पर आने वाली अन्य समस्याओं को देखा जाएगा। अगर कोई समस्या आएगी तो उसका समाधान किया जाएगा। तब तक विद्युतीकरण का कार्य पूरा होने की उम्मीद है। विद्युतीकरण के लिए गढ़ी तक पोल लग चुके हैं। कार्य रोहतक के डोभ से शुरू हो चुका है।

अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान पाया कि नए बने रेलवे स्टेशन जैसे गढ़ी, मुंढाल तक जाने के लिए रोड भी नहीं बना हुआ है। ऐसे में लोगों को यहां पर आने में समस्या होगी। इसके लिए रेलवे को यहां पर पहले रोड भी बनवाना होगा। वहीं अधिकारियों को इसके साथ ही स्टेशन पर बिजली की समस्या भी मिली है। अभी यहां का बिजली कनेक्शन सामान्य है। केवल छह से आठ घंटे तक बिजली रहती है। इसके लिए नया कनेक्शन आवेदन किया हुआ है। कनेक्शन न होने तक यहां बिजली की समस्या है। कंट्रोल रूम के पावर बैकअप के लिए बैटरी रखी गई है। साथ ही जनरेटर की सुविधा स्टेशन पर है, लेकिन इसके लिए हॉटलाइन कनेक्शन के लिए आवेदन किया हुआ है।

करीब 755 करोड़ रुपये की लागत से यह रेलवे लाइन बन कर तैयार है। इस नए रेलवे लाइन के शुरू होने से यहां पर नई ट्रेन चलेगी। हांसी रेलवे स्टेशन से दो किमी दूरी पर हांसी-रोहतक रेल लाइन शुरू होगी। जबकि पुरानी रेल लाइन भिवानी की तरफ जाती है। इस रेल रूट पर कुल 5 स्टेशन होंगे व 20 गांवों के होती हुई रेल रोहतक पहुंचेगी। हांसी के बाद पहले स्टेशन गढ़ी, मदीना, बलंभा, खरकड़ा व रोहतक से पहले बहु-अकबरपुर गांव में स्टेशन होगा। इस रेल मार्ग से हिसार से रोहतक के बीच 20 किमी की दूरी कम होगी।

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