केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने शुक्रवार को यह संकेत दिया कि प्राकृतिक गैस को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के दायरे में लाने के लिए आम सहमति बन रही है, हालांकि उन्होंने इसके लागू होने की कोई स्पष्ट समयसीमा नहीं दी। मंत्री ने एलपीजी गैस कनेक्शन और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि “एलपीजी गैस पहले से ही 100 प्रतिशत संतृप्त है” और इस पर जीएसटी लागू होने के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि एलपीजी पहले से ही जीएसटी के दायरे में है।
पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन ने भी इस बात की पुष्टि की कि एलपीजी को जीएसटी के तहत शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर पर 18 प्रतिशत जीएसटी और घरेलू सिलेंडर पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगता है। दिल्ली में उज्ज्वला गैस 503 रुपये प्रति यूनिट और गैर-उज्ज्वला गैस 803 रुपये प्रति यूनिट पर बिक रही है।
मंत्री ने विमानन टर्बाइन ईंधन (ATF) को भी जीएसटी के दायरे में लाने के विषय पर विचार करने की बात की। उन्होंने कहा कि पिछली जीएसटी बैठक में उम्मीद जताई गई थी कि ATF जल्द ही जीएसटी के दायरे में आएगा, और अब प्राकृतिक गैस को भी जीएसटी के दायरे में लाने की योजना है। उन्होंने कहा कि पहले कई राज्यों, जैसे गुजरात, महाराष्ट्र, और आंध्र प्रदेश, ने इस पर आपत्ति जताई थी, लेकिन अब उन्हें इसके लाभ का एहसास हो रहा है।
हालांकि, पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर अभी भी कई राज्यों का विरोध जारी है। पेट्रोलियम उत्पाद फिलहाल जीएसटी ढांचे से बाहर हैं।