हरियाणा में अब पानी भी पीने लायक नहीं है। ना तो पानी पीने लायक है और ना ही लोगों को जरुरत के अनुसार पानी मिल रहा है। पेयजल को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। विधानसभा के मानसून सत्र में पेश की गई CAG की रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि प्रदेश में पीने के पानी में मेंढक, शैवाल, कौलीफॉर्म बैक्टीरिया मिले हैं।
हरियाणा के 25 स्थानों से पानी के नमूने लिए गए
CAG की रिपोर्ट में बताया गया कि हरियाणा के 25 स्थानों से पानी के नमूने लिए गए। रूलर एंड अर्बन वाटर सप्लाई स्कीम के ऑडिट में CAG ने पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट (13), अर्बन लोक बॉडी (8) हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (4) द्वारा 25 स्थानों पर जल आपूर्ति के नमूने लिए गए।
एक सेट को करनाल की सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग (पीएचईडी) की लैब में और दूसरे सेट को विश्लेषण के लिए श्री राम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल रिसर्च (एसआरआई) नई दिल्ली भेजा गया।
दूषित पानी से 5 साल में इतने लोगों की हुई मौत
दूषित पानी पीने के कारण इन पांच सालों में , 2016-21 के दौरान जलजनित बीमारियों के 2,901 मामले राज्य में आए हैं। इसके साथ ही दूषित जल पीने से सूबे में 14 मौत हो चुकी हैं। फतेहाबाद, करनाल, कुरूक्षेत्र और पंचकूला में 2016-21 के दौरान जल-जनित बीमारियों के 1382 मामले मिले, जिनमें से 12 लोगों की मौत हुई। कालका, असंध, इंद्री और हांसी उपमंडल जल परीक्षण प्रयोगशालाओं में भौतिक और रासायनिक परीक्षण की सुविधा नहीं है।
पानी में नहीं मिला क्लोरीन
CAG की रिपोर्ट में सामने आया कि 25 में से 12 स्थानों में पानी के नमूनों में क्लोरीन नहीं मिला है। कुछ जगहों पर क्लोरीन की मात्रा ज्यादा पाई गई है, वहीं, कुछ जगहों पर तय मात्रा से कम पाई गई है। कई जगह क्लोरीन संबंधी कोई रिकॉर्ड नहीं रखा गया था।
वाटर टैंक में मिले मेढ़क, शैवाल और कौलीफॉर्म
जांच के दौरान वाटर टैंक में मेढ़क, शैवाल और कौलीफॉर्म पाए गए। कटेसरा में CWT के अंदर शैवाल मिला है, साहू में CWT में मेंढक और काब्रेल में एक CWT बिना ढक्कन के था। इस बात को साबित करने के लिए CAG ने अपनी रिपोर्ट में तस्वीरें भी प्रकाशित की हैं। सभी 25 स्थानों पर यह देखा गया कि क्लोरीन की खुराक से संबंधित कोई रिकॉर्ड नहीं रखा गया था।
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