रोहतक : उपायुक्त एवं जिला रेडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि जिला रेडक्रॉस सोसाइटी में आने वाले दिव्यांग, नेत्रहीन व्यक्ति व चलने-फिरने में असमर्थ बुजुर्गों की सुविधा के लिए भूमितल पर ही कैबिन बनाई गई है, जहां वे सुबह 9 से सांय 5 बजे तक आवश्यक उपकरणों के लिए पंजीकरण करवा सकते है।
अब दिव्यांगजनों को रेडक्रॉस भवन के प्रथम तल पर चढ़ने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। अब तक 200 दिव्यांग जन का पंजीकरण हो चुका है तथा आज 26 नवम्बर सविधान दिवस से रेडक्रॉस भवन में भूमितल पर पंजीकरण शुरू कर दिया गया है।
धीरेंद्र खडख़ड़ ने बताया कि रेडक्रॉस भवन में दिव्यांगजनों को पंजीकरण के लिए प्रथम तल पर चढऩा पड़ता था, जिसमें उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। ऐसे व्यक्तियों की सुविधा के लिए रेडक्रॉस भवन में भूमितल पर एक केबिन बनाई गई, जहां पर एक साथ 8 दिव्यांग बुजुर्ग व्यक्ति पंजीकरण करवा सकते है। इसके लिए रैडक्रॉस सोसायटी के सचिव श्याम सुंदर के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम बनाई गई है तथा पंजीकरण हेतु एक तकनीकी समन्वयक भी तैनात किया गया है। दिव्यांग व्यक्ति हर कार्य दिवस सुबह 9 से सांय 5 बजे तक वांछित उपकरणों जैसे बैटरी वाली रिक्शा, व्हील चेयर, कान की मशीन, बैसाखी, बनावटी हाथ-पांव के लिए पंजीकरण करवा सकते है। पंजीकरण का कार्य तकनीकी समन्वयक विशाल द्वारा किया जाएगा। इसके अतिरिक्त प्रोजेक्ट प्रबंधक प्रीति, तान्या व आशीष की भी जिम्मेदारी तय की गई है ताकि रेडक्रॉस भवन आने वाले दिव्यांग व्यक्तियों को पंजीकरण में किसी प्रकार की असुविधा न
उपायुक्त ने सभी दिव्यांगजनों व सामाजिक संगठनों का आह्वान किया है कि यदि उनके गांव में कोई ऐसा दिव्यांग व्यक्ति है, जिसे बेट्री वाली रिक्सा, कान की मशीन, व्हीलचेयर या बैसाखी की आवश्यकता है तो रैडक्रॉस भवन में आकर पंजीकरण करवा सकते है। ऐसे व्यक्तियों के लिए आगामी दिसंबर माह में जांच शिविर आयोजित करने के लिये एलिम्को कंपनी से अनुरोध किया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि पंजीकरण करवाने वाले दिव्यांगजनों के पास नवीनतम मेडिकल प्रमाण पत्र तथा आधार कार्ड की एक प्रति होनी चाहिए। अब किसी भी दिव्यांगजन को बार-बार पंजीकरण के लिए जाने की आवश्यकता नहीं होगी। एक बार पंजीकरण होने के उपरांत जांच शिविर लगाकर उन्हें आवश्यकता अनुसार उपकरण उपलब्ध करवाए जाएंगे।