Saturday, May 4, 2024
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रोहतक निगम की गलतियों को भुगत रही आम जनता, सताये लोग कैंप में रो रहे दुखड़े

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नगर निगम के अधिकारी प्रॉपर्टी टैक्स की त्रुटियां दूर करने की बात कह रहे हैं। लेकिन धरातल की स्थिति यह है कि जनता आज भी परेशान है। प्रॉपर्टी टैक्स के कैंप में पहुंचने वाले लोगों ने अपने दुखड़े सुनाये और लगातार पिछले कुछ माह में लगाए गए चक्कर और लंबी लंबी लाइनों में दिनभर खड़े रहने जैसी शिकायते भी गिनवाईं

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रोहतक। रोहतक में प्रॉपर्टी आईडी के सर्वे का काम कर रही याशी कंपनी की गलतियों का खामियाजा आम लोग भुगत रहे हैं। लोगों का आरोप है कि याशी कंपनी ने गैर जिम्मेदाराना तरीके से सर्वे का काम किया और प्रॉपर्टी ID बना डाली। कंपनी ने सर्वे को जल्द से जल्द निपटाकर ऐसा रायता फैलाया कि उस रायता को साफ करने में नगर निगम के पसीने छूट चुके हैं, लेकिन अभी भी कंपनी का मोह नगर से छूट नहीं रहा। याशी कंपनी तो सर्वे करके चली गई, लेकिन अब लोग धक्के खा रहे हैं।

नगर निगम के अधिकारी प्रॉपर्टी टैक्स की त्रुटियां दूर करने की बात कह रहे हैं। लेकिन धरातल की स्थिति यह है कि जनता आज भी परेशान है। प्रॉपर्टी टैक्स के कैंप में पहुंचने वाले लोगों ने अपने दुखड़े सुनाये और लगातार पिछले कुछ माह में लगाए गए चक्कर और लंबी लंबी लाइनों में दिनभर खड़े रहने जैसी शिकायते भी गिनवाईं लेकिन निगम अधिकारीयों को शर्म आने की बजाय उन्हें तर्क देते नजर आ रहे हैं कि उन्होंने प्रॉपर्टी टैक्स की त्रुटियों को दूर करने के लिए खूब काम कराए हैं। लेकिन अधिकारियों के तर्कों को लेकर जनता नाराज है। आज भी प्रापर्टी टैक्स में त्रुटियों की भरमार बताई।

नगर निगम कार्यालय में मंगलवार को भी प्रॉपर्टी टैक्स की त्रुटियां दूर कराने के लिए कैंप लगाया गया। आज यानि बुधवार को भी कैंप लगाया गया है और शाम तक इस का समापन होगा। कैंप में पहुंचे लोगों ने कड़ी नाराजगी जताई। यह भी आरोप लगाए हैं कि उन्हें बार-बार निगम कार्यालय में बुलाया जा रहा है, लेकिन समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा। प्रॉपर्टी टैक्स सर्वे बिल्कुल गलत तरीके से किया गया है।

दो दिन से नगर निगम में रिकॉर्ड दुरुस्त करने के लिए जो कैंप चले हुए हैं इनमें अलग-अलग तरह के खामियां सामने आ रही हैं। किसी की प्रॉपर्टी पड़ौसी के नाम कर दी गई तो किसी का नाम ही गलत लिख दिया। कोई मोबाइल नंबर बदलवाने आ रहा है तो किसी को घर को खाली प्लाट दिखा गया है। यहां आए रमेश ने बताया कि कमला नगर में उसका 200 गज का प्लाट है। सर्वे हुआ तो मेरा प्लॉट किसी और व्यक्ति के नाम दर्ज कर दिया। अब मैं धक्के खा रहा हूं। वो व्यक्ति चाहे तो मेरे प्लॉट की रजिस्ट्री भी करवा ले। कंपनी ने जो सर्वे किया है वह गलत है, मैं अकेला नहीं पूरा शहर परेशान है।

बता दें यह पहली बार नहीं है कि प्रॉपर्टी टैक्स रिकॉर्ड ठीक करने के लिए कैंप लगाए गए हैं। इससे पहले भी नगर निगम कई बर कैंप लगवा चुका है। हर वार्ड में भी कैंप लगाए गए, लेकिन काम पूरी तरह सिरे नहीं चढ़ पाया। निगम का प्रयास है कि उनकी सब से बड़ी गलती को जल्द से जल्द ये खामियां ठीक करवाने की खानपूर्ति करवा कर छिपा दिया जाएं।
कैंप में आए धर्मवीर सिंधु ने बताया कि मेरी प्रॉपर्टी आईडी में मोबाइल नंबर हटा हुआ था। इस कारण वे बिल ही नहीं जमा करवा पा रहे थे। ओटीपी ही नहीं आ पा रहा था। ऑनलाइन आवेदन किया और अब इसे दुरुस्त करवाया है।

वही एक और निगम द्वारा पीड़ित महिला बबीता कैंप में अपनी आईडी ठीक करवाने आई तो उस ने बताया कि हमारा फ्लैट है, लेकिन आईडी बदल दी गई। जिससे फ्लैट खरीदा था उसी के नाम अब बिल आ रहा है, कई बार समाधान की कोशिश की गई, लेकिन ठीक नहीं हो पाया। इसी तरह कविता ने बताया कि सर्वे वाले घर आए थे, हम सेक्टर-1 हाउसिंग बोर्ड में किराए के मकान में रहते हैं। हमसे कुछ नहीं पूछा गया और एक फार्म के साथ मेरा फोटो ले लिया गया। अब टैक्स में गड़बड़ी हो रही है।

संजय नगर निवासी जगदीश सिंह ने बताया कि उनकी प्रॉपर्टी आईडी में उनकी 92 गज जमीन हैं। वह दो भाई रहते हैं। अब नगर निगम ने प्रॉपर्टी आईडी में उनकी 142 गज जमीन दिखा दी गई हैं। सौ गज जगदीश के नाम पर और 42 उनके भाई के नाम पर, जबकि दोनों 92 गज की जमीन पर ही रह रहे हैं। नगर निगम दोनों भाइयों की अब 142 गज दिखा रहा है। अगर हमारी और जगह नगर निगम दे देगा तो हम 142 गज जमीन का टैक्स भी भर देंगे।

एकता कॉलोनी में कुमाऊं धर्मशाला के लिए एमपी की ग्रांट 5 लाख रुपए तो आ गई, लेकिन एनओसी नहीं मिल पा रही है। नक्शा पास नहीं है और अब डेवलपमेंट चार्ज करीब दो लाख 56 हजार रुपए नगर निगम की ओर से मांगे जा रहे हैं। अब एनओसी लेने के लिए नगर निगम कार्यालय में पहुंचे। यहां पर राम मंदिर भी बनाया गया है, लेकिन जैसे ही मेयर मनमोहन गोयल को पता चला तो बोले कि अब मंदिरों में भी टैक्स की छूट नहीं है। इसके चलते बड़ी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

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