Thursday, May 2, 2024
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गोहाना में अमित शाह की रैली का किसान नहीं करेंगे विरोध, जाने क्या हुआ फैसला

अमित शाह की गोहाना रैली से पूर्व शुगर मिल के सामने धरना लगा कर बैठे गन्ना किसानों ने समाप्त किया आंदोलन

रोहतक। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रविवार को होने वाली गोहाना रैली से पहले हरियाणा में मनोहर लाल सरकार गन्ना किसानों को मनाने में सफल रही है। गन्ना खरीदके लिए सरकार ने दस रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। इसके चलते किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने सरकार के खिलाफ किए जाने वाला आंदोलन भी वापस ले लिया है। चढूनी ने बयान दिया है कि गोहाना में होने वाली रैली का किसान विरोध नहीं करेंगे।

कुरुक्षेत्र की सैनी धर्मशाला में भारतीय किसान यूनियन की प्रदेश स्तरीय अहम बैठक हुई जिसमें गन्ना किसानों ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता गुरनाम सिंह चढूनी ने की। बैठक में फैसला किया गया कि आज से ही किसानों का आंदोलन खत्म होगा। जींद में चल रही संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में गन्ने के रेट को लेकर जो भी फैसला लिया जाएगा, उसका समर्थन किया जाएगा।

गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार ने गन्ने के रेट दस रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाए हैं। हालांकि यह मूल्य वृद्धि बेहद कम है लेकिन किसानों की जीत है। अब किसान अपने गन्ने को ज्यादा दिन तक नहीं रख सकते हैं। यह जनहित में फैसला लिया गया है कि मिलों के बाहर चलाया जा रहा धरना खत्म किया जाए। आज से ही धरना खत्म कर दिया गया है और मिलें चलने में कोई बाधा नहीं की जाएगी।

वहीं गन्ना किसानों के अतिरिक्त जो किसान हरियाणा आबिंटल रेल कारिडोर से और पंचायत चुनाव के बाद से सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन खड़ा करने की तैयारी कर रहे थे, वे भी अब शांत रह सकते हैं क्योंकि आर्बिटल रेल कारिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों के आंदोलन को शांत कराने के लिए हरियाणा सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। सरकार कुंडली मानेसर पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस वे को कुंडली गाजियाबाद पलवल (केजीपी) एक्स्प्रेस की तर्ज पर यदि सड़क मान लेती है तो किसानों को सड़क किनारे जमीन का मुआवजा मिल जाएगा।

अभी तक सरकार ने केएमपी को एक्सप्रेस वे बताते हुए कहा है कि चूंकि इसका फायदा किसान के खेत को नहीं है इसलिए किसान को मुआवजा भी सामान्य कृषि योग्य भूमि के हिसाब से दिया जाएगा। इसके अलावा पंचायत चुनाव के बाद ई-टेंडरिंग और राइट टू रीकाल नियमों का विरोध कर रहे नवनिर्वाचित सरपंच भी प्रदेश भर में अपना विरोध कर रहे हैं। हालांकि विरोध कर रहे सरपंच सरकार के खिलाफ जाकर कुछ भी कहने से हिचक बरत रहे हैं।

स्वयं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ई-टेंडरिंग को सरपंचों के ही पक्ष में बता रहे हैं। उनका कहना है कि ई-टेंडरिंग सरपंचों के कामकाज में पारदर्शिता लाएगा। पांच साल बाद सरपंचों को जनता के बीच जाकर यह कहने की जरूरत नहीं पड़ेगी कि वह तो ईमानदार है। गोहाना में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रैली ऐतिहासिक होगी। इसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।

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