Farmers Protest : एसकेएम ने चल रहे संघर्षों को तेज करने के लिए 9 जनवरी 2025 को पंजाब के मोगा और 4 जनवरी 2025 को हरियाणा के टोहाना में किसान महापंचायत आयोजित करने की घोषणा की। एसकेएम का राष्ट्रीय नेतृत्व दोनों महापंचायतों में शामिल होगा।
एसकेएम केंद्र सरकार से मांग कि एमएसपी और कर्ज माफी समेत बुनियादी मांगों के लिए संघर्ष कर रहे सभी किसान संगठनों से तुरंत चर्चा की जाए, पंजाब सीमा पर आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की जान बचाई जाए, ग्रेटर नोएडा के लुक्सर जेल में बंद सभी किसानों को रिहा किया जाए और नई राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति को वापस लिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा चर्चा के निर्देश दिए जाने के बाद भी प्रधानमंत्री द्वारा किसान संगठनों से चर्चा के लिए तैयार न होना इस तथ्य को उजागर करता है कि केंद्र सरकार एमएसपी@सी2+50% के साथ कानूनी रूप से गारंटीकृत खरीद और व्यापक कर्ज माफी सहित अन्य मांगों पर विचार करने के लिए तैयार नहीं है। किसानों और खेतिहर मजदूरों के सामने आ रही गंभीर समस्याओं पर चर्चा करने के बजाय, एनडीए-3 सरकार ने नई राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति, डिजिटल कृषि मिशन, राष्ट्रीय सहकारिता नीति, चार श्रम संहिताओं और एक राष्ट्र एक चुनाव, जो राज्य सरकारों के संघीय अधिकारों को खत्म कर रहा है और कॉरपोरेट मुनाफाखोरी के लिए “एक राष्ट्र एक बाजार” के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है, के माध्यम से कृषि, उद्योग और सेवाओं पर हमले तेज कर दिया है। इस संदर्भ में, लोगों की आजीविका और राज्य सरकारों के संघीय अधिकारों पर कॉर्पोरेट हमले के खिलाफ देश भर में लोगों के बीच एक व्यापक अभियान गहन और व्यापक संघर्ष को लिए तैयार करने के लिए आवश्यक है।
इसलिए, एसकेएम ने 21 दिसंबर 2024 को पटियाला में किसान मुक्ति मोर्चा (केएमएम) के प्रतिनिधियों के साथ एसकेएम की छह सदस्यीय समिति द्वारा की गई चर्चा के परिणाम की सराहना करते हुए इसे किसान आंदोलन की अधिक एकता बनाने के लिए सही दिशा में उठाया गया सही कदम बताया। छह सदस्यीय समिति किसान आंदोलन की अधिक एकता को साकार करने के लिए अपने प्रयास जारी रखेगी। एसकेएम 24 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में अपनी राष्ट्रीय परिषद की बैठक – आम सभा बुलाएगा, जिसका एजेंडा चल रहे संघर्ष को और तेज करना, किसान आंदोलन की बड़ी एकता बनाना, मजदूर-किसान एकता का विस्तार करना और बड़े पैमाने पर कॉरपोरेट-विरोधी अभियान और संघर्ष शुरू करके लोगों तक पहुंचना है।