Friday, November 22, 2024
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किसान आंदोलन :किसान रहे सावधान !पुलिस ने सिंघू बॉर्डर पर लगाया बहरा करने वाला डिवाइस , बेहद खतरनाक …..

किसान आंदोलन में किसानों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। बता दें कि किसान आंदोलन का आज तीसरा दिन है। प्रशासन द्वारा लगातार किसानों को दिल्ली कूच से रोकने के लिए अनेकों उपाए किये जा रहे हैं। फिलहाल किसानों ने आज सिम को तीसरे दौर की बातचीत के लिए कल सुबह तक अपना आंदोलन रोक दिया है और संभु बॉर्डर पर ही डेरा जमाये हुए हैं।

किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को रोकने के लिए पुलिस की तरफ से दिल्ली के सभी बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है। दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर प्रशासन की तरफ से LRAD (Long-range acoustic device) डिवाइस लगाया गया है। ये ऐसी आवाज पैदा करता है जो भीड़ में एक तरह की बेचैनी पैदा करता है। इससे लोगों की सुनने की क्षमता भी जा सकती है। इस मशीन के आवाज से किसान बहरा हो सकते हैं।

सबसे पहले LRAD सिस्टम अमेरिकी सेना के द्वारा अल कायदा से मुकाबला के लिए विकसित किया गया था , एलआरएडी सिस्टम को आतंकवाद-रोधी अभियानों के दौरान उपयोग में लाया जाता है। अमेरिकन स्पीच-लैंग्वेज-हियरिंग एसोसिएशन ने इसे लेकर कुछ दिनों पहले एक चेतावनी जारी की थी जिसमें कहा गया था कि इसके कारण लोगों में बहरापन, माइग्रेन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। बच्चों और बुजुर्गों को इससे अधिक नुकसान हो सकता है। हालांकि दुनिया के कई देशों की सेना और पुलिस ने इसे खरीदा है और आंदोलनों के दौरान भीड़ को कंट्रोल करने के लिए इसका उपयोग किया जाता रहा है।

पुलिस ने किसानों पर सुबह से ही आंसू गैस के गोले दागने शुरु कर दिए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल भारी संख्या में तैनात हैं। देखा जाए तो सिंघु बॉर्डर पर जमकर बवाल हुआ था। देर रात तक प्रदर्शनकारी किसान बॉर्डर के आस-पास जाते रहे और पुलिस आंसू गैस के गोले दागती रही. पुलिस ने किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे थे। किसानों के साथ पुलिस की झड़प भी हुई, इसमें एक डीएसपी सहित कई लोग ज़ख़्मी भी हुए थे।

केंद्र सरकार और किसानों के बीच नहीं बनी बात
सरकार और किसानों के बीच देर रात तक चली बातचीत बेनतीजा रही। किसानों का प्लान है कि वे पहले दिल्ली के पास बॉर्डर पर जमा होंगे और उसके बाद आगे की रणनीति के बारे में फैसला करेंगे। सरकार का कहना है बातचीत जारी रहेगी वहीं दूसरी तरफ़ किसान भी आगे बातचीत को लेकर तैयार हैं।

 

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