रोहतक। रोहतक के गांवों से किसानों के प्रतिनिधियों के दल ने लघुसचिवालय पहुंच कर डीसी से मुलाकत की थी और चेतावनी देते हुए चेताया था कि अगर उन्हें जल्द फसलों के नुकसान का मुआवजा नहीं दिया गया तो वो बीजेपी के किसी नेता को गांवों में घुसने नहीं देंगे और न ही वोट देंगे। लगता है इस मुलाकात का असर दिखाई देने लगा है। शुक्रवार को अधिकारियो के दल ने गांवों में पहुंच कर सर्वे किया और बारिश और ओलावृष्टि से हुए फसलों को नुकसान का जायजा लिया है।
बता दें रोहतक में रबी सीजन के दौरान भारी वर्षा एवं ओलावृष्टि की वजह से जिला के कई गांवों में फसलों में भारी नुकसान हुआ था। किसानों द्वारा नुकसान की सूचना कृषि विभाग व बीमा कंपनी को दी थी। गांव मायना, बालन्द, रूड़की व मुंगाण में सूचनाएं अधिक होने के कारण उपायुक्त अजय कुमार द्वारा सैंपल सर्वे करवाए जाने बारे निर्देश दिए। गाइड लाइन के अनुसार, संयुक्त जांच टीम (उप मण्डल अधिकारी (ना0) आशीष कुमार, उप कृषि निदेशक डॉ. कर्मचंद, रोहतक व तहसीलदार रोहतक) बनाई। जिसने स्थानीय आपदा के अन्तर्गत किसानों द्वारा फसल खराबे के लिए हुए नुकसान का सर्वे किया।
टीम गांव मायना, बालन्द, रूड़की व मुंगान का खराब फसलों का प्रतिशत जांचने पहुंची। टीम ने मौका मुआयना किया। गांव मायना से 1232 किसानों द्वारा, गांव बालन्द से 1087 किसानों द्वारा, गांव रुड़की से 1132 किसानों द्वारा व गांव मुंगान से 1111 किसानों द्वारा फसल खराब होने की शिकायत दर्ज कराई। मौका मुआयना के दौरान एग्रीकल्चर इंश्योरंस कंपनी के प्रतिनिधि की मौजूदगी में किया गया। इस अवसर पर कई किसान संगठनों के प्रतिनिधि व प्रभावित किसान भी उपस्थित थे। संयुक्त जांच टीम द्वारा रिपोर्ट आगामी कार्यवाई के लिए जल्द ही बीमा कंपनी को भेज दी जाएगी।