रोहतक। PGI रोहतक की महिला डॉक्टर द्वारा यूपी के एक युवक पर छेड़छाड़ का डाला गया मुकदमा झूठा निकला। वह छेड़छाड़ नहीं पैसे के लेनदेन का विवाद था। महिला डॉक्टर अदालत में यह साबित नहीं कर सकी कि उसके साथ नोएडा, यूपी के युवक ने छेड़छाड़ की। कोर्ट ने इस पैसे के लेनदेन का विवाद का मामला मानते हुए आरोपी को क्लीनचिट दे दी।
बचाव पक्ष के वकील सुशील पांचाल ने बताया कि साल 2017 में पीजीआई की एक महिला डॉक्टर ने पीजीआईएमएस थाने में शिकायत दी थी कि यूपी के नोएडा का युवक उसे तीन माह से परेशान कर रहा है। पहले उसे कॉल करके परेशान किया। मोबाइल नंबर बदलने पर उसके विभाग में ही आ गया। उसके बारे में गलत अफवाह फैलाई गई, जो उसे दूसरों से पता लगी। साथ ही उससे व उसके परिजनों से पैसे मांगने लगा। मौखिक तौर पर उठाने की धमकी भी दी।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 354डी व 506 के तहत मामला दर्ज किया। तभी से जिला अदालत में केस की सुनवाई चल रही थी। सोमवार को जेएमआईसी अभिमन्यु राजपूत की अदालत ने सभी तथ्यों को सुनने और जाँच के बाद युवक को निर्दोष पाया इस वजह से उन्होंने आरोपी युवक को बरी कर दिया।
बचाव पक्ष ने अदालत को बताया कि आरोपी ने कोई छेड़छाड़ नहीं की, बल्कि पैसे के लेनदेन का विवाद है। इसके लिए लेनदेन की ट्रांजेक्शन जमा करवाई। साथ ही अदालत को बताया कि आरोपी की कार को शिकायतकर्ता ने प्रयोग किया।