रोहतक। रोहतक में एक बार फिर नहर टूटने से गेंहू की 150 एकड़ में खड़ी फसल बर्बाद हो गई। वहीं अपनी मेहनत को बर्बाद होते देख नहरी पानी से अपने खेत को बचाने गए एक अन्नदाता की भी मौत हो गई। किसान को जब सूचना मिली की नहर टूटने से उसके खेतों में पानी भर गया है तो वह खेत की बाउंड्री पर मिट्टी डालकर फसल बचाने का प्रयास कर रहा था। इसी दौरान वह पानी में ही गिर गया और उसकी मौत हो गई। 59 वर्षीय किसान भूपसिंह मुंह के बल पानी में गिरा मिला। जैसे ही परिजनों को इसका पता लगा तो पूरे गांव के किसान भी दौड़ पड़े।
जानकारी के अनुसार गांव मायना में शुक्रवार सुबह भालौठ सब ब्रांच नहर टूट गई। जिसके कारण वहां आसपास के खेतों में खड़ी करीब 150 एकड़ गेहूं की फसल जलमग्न हो गई। अपनी फसल को बचाने के लिए ग्रामीण दौड़ पड़े। भूप सिंह भी पानी से फसल बचाने के लिए खेत की मेड़ मजबूत करने लगा। अचानक उसकी सांस फूल गई और मुंह के बल पानी में ही गिर गया। जब किसानों को काफी देर तक वह दिखाई नहीं दिया तो खेत में जाकर देखा तो भूप सिंह मुंह के बल पड़ा था। ग्रामीण उसे लेकर पीजीआई पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। सूचना पाकर शिवाजी कॉलोनी थाने से पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के हवाले कर दिया।
किसान की मौत के बाद सभी ग्रामीणों में रोष है। किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों से अनुमति लेकर नगर निगम का ठेकेदार भालौठ सब ब्रांच के नीचे से पाइप लाइन दबाने के लिए ड्रीलिंग कर रहा था। ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों व ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। गांव मायना की सरपंच मनीषा व अन्य लोग राकेश सिंह, सोनू, संदीप, खुशीराम, विजय सिंह, विजय सिंह आदि ने कहा कि ठेकेदार व नहरी विभाग की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है। ठेकेदार द्वारा लापरवाही से बोरिंग किया जा रहा था। जिसके कारण यह नहर टूट गई।
मृतक के परिजनों बताया कि भूपसिंह को तीन बच्चे हैं। दो बेटी व एक बेटे के सिर से पिता का साया उठ गया। भूप सिंह खेतीबाड़ी करके अपने परिवार को संभाल रहा था। लेकिन इस हादसे के बाद परिवार में मातम छाया हुआ है। भूपसिंह को अपने खेतों को बचाने के लिए गया था, लेकिन वहां उसे ही काल का ग्रास बनना पड़ा।
गांव की महिला सरपंच प्रतिनिधि प्रवीण ने बताया कि गांव के पास से झज्जर की तरफ भालौठ सब-ब्रांच गुजरती है, जिसमें शुक्रवार सुबह आधी मात्रा में पानी चल रहा था। करीब सात बजे ग्रामीणों को सूचना मिली कि ठेकेदार ब्रांच के नीचे से पेयजल लाइन दबाने के लिए ड्रीलिंग कर रहा था। इसी बीच नहर की पटरी में रिसाव हो गया। देखते ही देखते पानी खेतों में बहने लगा। वहीँ अखिल भारतीय किसान सभा के जिला अध्यक्ष प्रीत सिंह ने कहा कि सिंचाई विभाग व ठेकेदार की लापरवाही से न केवल किसान की जान चली गई, बल्कि सैकड़ों एकड़ गेहूं की फसल में पानी भर गया। इससे फसल खराब होने का अंदेशा हो गया है। सिंचाई विभाग न केवल किसानों को मुआवजा दे, बल्कि पानी की निकासी की व्यवस्था करे।
गांव मायना के पूर्व सरपंच दिनेश ने बताया कि उनके गांव से होकर गुजर रही नहर टूटने से किसान चिंतित है। नहर की सूचना पाकर किसान मौके पर पहुंचे और खुद ही इसे रोकने का प्रयास करने लगे। लेकिन टूटी नहर जल्दी से ठीक होने का नाम नहीं ले रही। ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ी हुई है। वहीँ ग्रामीणों ने कहा कि नहर टूटने से काफी एरिया में पानी भर गया है। इसलिए प्रशासन व सरकार द्वारा पानी निकासी की व्यवस्था की जाए। नहर टूटने के कारण गेहूं में भारी नुकसान हुआ है। जिसका किसानों पर आर्थिक बोझ भी पड़ेगा। इसलिए उन्होंने सरकार से मांग की कि इस नुकसान की भरपाई के लिए सरकार उचित मुआवजा दे। ताकि गेहूं की फसल में हुए नुकसान को कुछ कम किया जा सके। साथ ही गेहूं की पैदावार होने की उम्मीद लग सके। ऐसे प्रशासन को उचित प्रबंध करने चाहिए।
वहीँ सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता प्रमोद शर्मा ने कहा कि अमृत योजना के तहत निगम पेयजल लाइन बिछा रहा है। सिंचाई विभाग से निगम ने भालौठ सब-ब्रांच के नीचे से पाइप लाइन बिछाने की एनओसी ली थी। नियमों के तहत ठेकेदार को नहर पूरी तरह बंद होने के बाद काम शुरू करना था। 630 क्यूसेक क्षमता की नहर में शुक्रवार को 100 क्यूसेक पानी चल रहा था। इसके बावजूद ठेकेदार ने नहर के नीचे से ड्रीलिंग शुरू कर दी। इससे पटरी में कटाव हो गया। निगम प्रशासन को ठेकेदार की लापरवाही के लिए पत्र लिखा है।
शिवाजी कॉलोनी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर शमशेर सिंह ने कहा कि किसान भूप सिंह के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया है। डॉक्टरों नेे विसरा जांच के लिए भेजा है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी। अभी किसी के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया गया है।