Ambala News :हरियाणा के अंबाला छावनी के नागरिक अस्पताल में स्टाफ की लापरवाही के चलते डिलीवरी के दौरान एक बच्चे की मौत हो गयी। पीड़ित महिला के पति ने अस्पताल की तीन नर्सिंग ऑफिसर पर गंभीर आरोप लगते हुए कहा कि वीडियो पर डॉक्टर को रख पत्नी की डिलीवरी करानी चाही। जिसके चलते बच्चा गर्भ में ही मर गया और पत्नी की बच्चेदानी की सुरक्षा का भी ध्यान नहीं रखा। अंबाला कैंट शास्त्री कालोनी के निकट बंधु नगर निवासी सुरेश ने इस संबंध में एक शिकायत गृहमंत्री, पड़ाव थाना और सीएमओ अंबाला को भेजकर कार्रवाई की मांग की है।
शिकायतकर्ता ने लगाए ये गंभीर आरोप
पीड़ित महिला के पति सुरेश ने बताया की 25 मार्च को उसने 4 बजे अंबाला कैंट सिविल अस्पताल में अपनी पत्नी सपना को प्रसव पीड़ा के चलते दाखिल करवाय था। जिसके बाद नर्सिंग ऑफिसर ने ऑपरेशन करने के लिए कहा तो उसने उसके लिए सहमति दे दी। लेकिन नर्सिंग ऑफिसर ने डॉक्टर की वीडियो कॉल पर उपस्थिति में पत्नी के पेट पर धक्के मारकर डिलीवरी कराने का प्रयास किया। लेकिन डर के मारे उसकी पत्नी डिलीवरी नहीं होने पर अपनी जान बचाकर बाहर भाग आई। उसके बाद नर्सिंग ऑफिसर ने उसकी पत्नी को GMCH सेक्टर-32 चंडीगढ़ ले जाने का सुझाव दिया।
शिकायतकर्ता ने बताया कि जब उसने कहा कि पत्नी को दूसरे अस्पताल में ले जाना चाहते हैं तो स्टाफ ने पत्नी को डिस्चार्ज नहीं किया। बाद में वह जबरन अपनी पत्नी को किसी अन्य अस्पताल में ले गया।
डिलीवरी के दौरान बच्चादानी फटने का आरोप
पति ने बताया कि 25 मार्च की रात को 9 बजे दाखिल कराकर पत्नी की डिलीवरी कराई तो मरा हुआ बच्चा पैदा हुआ। अस्पताल स्टाफ की लापरवाही के कारण उसकी पत्नी की बच्चादानी डिलीवरी कराने के दौरान पहले ही फट चुकी थी। पत्नी अब दोबारा बच्चे को भी जन्म नहीं दे सकती।
दूसरी तरफ पत्नी के उपचार पर अभी तक लगभग एक लाख रुपये का जो खर्च हुआ वो भी उसने ब्याज पर लेकर दिया है। जिसके चलते दोबारा ऐसा किसी के साथ न हो सुरेश ने पुलिस से खर्चा दिलाने और अस्पताल स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठाई है।
स्वास्थ्य विभाग ने जाँच के लिए गठित की कमेटी
वहीं, इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लेते हुए एक कमेटी गठित करके जांच के आदेश दिए हैं। अस्पताल के प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर डॉ. लोकवीर ने सीनियर डॉ. पूजा पेंटल, डॉ. मुकेश और डॉ. विनय को जांच कमेटी में शामिल करते हुए जांच के निर्देश दिए हैं। जांच रिपोर्ट मेडिकल नेग्लीजेंसी बोर्ड को दी जाएगी।