Monday, November 25, 2024
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रोहतक में सीवर हादसे में हुई मौतों के मामले में 7 दिन बाद एक्शन, ठेका कंपनी के विरुद्ध मामला दर्ज

-सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर राष्ट्रीय सफाई आयोग की उपाध्यक्ष अंजना पंवार के प्रशासनिक अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश - एमएस एक्ट 2013 के तहत किसी सफाई कर्मचारी को सीवर में उतारना ग़ैरकानूनी - सुप्रीम कोर्ट के भी हैं आदेश, सीवर की सफाई के दौरान मारे गए कर्मचारियों के परिवार को 30 लाख आर्थिक सहायता - एमएस एक्ट का उलंघन करने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना जरूरी

रोहतक। रोहतक के दिल्ली रोड पर बाबा मस्तनाथ यूनिवर्सिटी के सामने सीवर सफाई कार्य के दौरान हुई दो मजदूरों की मौत मामले में अब एक्शन हुआ है। पुलिस ने घटना के सात दिन बाद मृतक विशाल के भाई प्रकाश की शिकायत पर अब संबंधित ठेका कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस की ये कार्रवाई राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की उपाध्यक्ष अंजना पंवार के दौरे से एक दिन पहले वह भी रात को हुई है।

जैसे ही सूचना प्राप्त हुई कि अंजना पंवार बुधवार दोपहर प्रशासन के अधिकारियों की मीटिंग लेंगी। उससे पहले आइएमटी थाना पुलिस ने रात साढे नौ बजे इस बारे में केस दर्ज कर लिया। हालांकि आइएमटी थाना पुलिस ने एफआइआर की तहरीर इस तरह से तैयार की है कि इसमें उसके देरी से केस दर्ज करने का ठीकरा न फूट सके। बाकायदा शिकायतकर्ता से उसकी शिकायत में इस बात का जिक्र कराया गया है कि मृतकों के स्वजनों को देरी से कंपनी की लापरवाही का पता चला।

बता दें 21 नवंबर को सीवर सफाई के दौरान हुए हादसे में दिल्ली के प्रेम नगर निवासी 24 वर्षीय विशाल और उत्तर प्रदेश के फैजाबाद के 26 वर्षीय सुरेश की मौत हो गई थी। पुलिस और संबंधित कंपनी ने इस हादसे को इतने गुपचुप ढंग से रखा कि अगले दिन ही ये कांड सार्वजनिक हो पाया। उस समय आइएमटी थाना पुलिस ने मृतकों के स्वजनों के बयान पर इत्तेफाकिया कार्रवाई की थी। इससे पुलिस पर गंभीर सवाल उठ रहे थे। लेकिन जैसे ही सूचना प्राप्त हुई कि राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के रोहतक दौरे पर आएँगी। इस सूचना के बाद पुलिस को लगा कि कहीं स्थिति उनके खिलाफ न हो जाए इसलिए पुलिस ने केस से संबंधित दस्तावेजों की सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली।

प्रशासनिक अधिकारीयों को लताड़ लगाते हुए उपाध्यक्ष अंजना पंवार

बुधवार को अंजना पवार रोहतक पहुंची और उन्होंने जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाई है। उनका कहना है कि एमएस एक्ट 2013 के अनुसार सीवर में सफाई कर्मचारी उतरना गैरकानूनी है और सुप्रीम कोर्ट ने भी इसको लेकर आदेश जारी कर रखे हैं। इसलिए अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि इस तरह की घटनाएं होने से रोके। साथ ही जनता से भी अपील की है कि अगर कोई सफाई कर्मचारी सीवर के अंदर सफाई करता हुआ दिखाई दे इसकी शिकायत तुरंत प्रशासनिक अधिकारियों को की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आज मशीनों का युग है। ऐसे में सीवर में सफाई के लिए कर्मचारियों को उतारना गैरकानूनी है और एमएस एक्ट 2013 के अनुसार यह प्रावधान किया गया है कि जो भी इस एक्ट की उलंघना करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की जाएगी। एक्ट के अनुसार अगर गैर कानूनी तरीके से सफाई के दौरान किसी सफाई कर्मी की मौत हो जाती है तो उसके परिवार को 30 लाख रुपए सहायता राशि दी जाएगी। रोहतक में हुई दो सफाई कर्मचारियों की मौत के मामले में आज उन्होंने पीड़ितों के परिवारों को 30-30 लाख रुपए देने के आदेश भी जारी करवाए।

उन्होंने नगर निगम और नगर पालिकाओं में काम कर रहे सफाई कर्मचारी को मिलने वाली सुविधाओं को लेकर भी दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा की सफाई के दौरान जो भी सुरक्षा उपकरण जरूरी होते हैं वह प्रत्येक सफाई कर्मचारी को दिए जाने चाहिए। उन्होंने जनता से भी अपील की है कि अगर कोई सीवर में सफाई कर्मचारियों को उतारता है तो वह उसकी शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों को कर दें, तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

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