MP News, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इंदौर प्रवास के दौरान मृगनयनी एंपोरियम में बुनकरों द्वारा तैयार की गई चंदेरी और महेश्वरी साड़ियों का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने जनजातीय क्षेत्र के हस्तशिल्पियों और कारीगरों से बातचीत की और उनकी कला की सराहना की।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कलाकारों को उनके द्वारा निर्मित हस्तशिल्प भेंट किए जाने पर धन्यवाद दिया। सभी कलाकार इस मौके को लेकर बेहद उत्साहित थे और राष्ट्रपति से मिलने को एक विशेष अनुभव मानते थे। इस कार्यक्रम में राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और डॉ. नवनीत मोहन कोठारी भी उपस्थित थे।
इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा, “हमें अपनी पुरानी संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित रखने की आवश्यकता है। शिल्पकार इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं और इन्हें प्रोत्साहन की जरूरत है ताकि रोजगार के अवसर बढ़ सकें।”
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धार जिले के कारीगर मुबारिक खत्री ने राष्ट्रपति को अपनी बाग प्रिंट कला के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह कला उनके परिवार में 11 पीढ़ियों से चल रही है। उन्होंने बाग प्रिंट का प्रदर्शन भी किया, जिसमें बांस और सिल्क की साड़ियों पर इस कला का उपयोग किया जाता है।
खरगोन जिले के बुनकर श्री अलाउद्दीन अंसारी ने राष्ट्रपति को अपने राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हथकरघा साड़ी के बारे में बताया, जिसमें नर्मदा नदी के जल की लहरों का प्रिंट शामिल है। उन्होंने बताया कि उनका परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी इस काम में लगा हुआ है और वर्तमान में वे 300 से अधिक लोगों को रोजगार दे रहे हैं, जिनमें 70 महिलाएं शामिल हैं।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु इस कला और कारीगरों की मेहनत से बहुत प्रभावित हुईं और इस प्रकार की कलाओं को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।