Friday, November 22, 2024
Homeकोर्टफरीदाबाद में दिव्यांग महिला से दुष्कर्म और हत्या के दोषी को कोर्ट...

फरीदाबाद में दिव्यांग महिला से दुष्कर्म और हत्या के दोषी को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

हरियाणा के फरीदाबाद में दिव्यांग महिला से दुष्कर्म और बुरे तरीके से हत्या के दोषी को कोर्ट ने शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाई है। आरोपी ने न सिर्फ दिव्यांग महिला के साथ पहले दुष्कर्म किया बल्कि उसके बाद उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दी। इसके बाद दोषी ने महिला का गला घोंटकर उसकी निर्मम हत्या कर दी थी। जिसके बाद आज न्याय करते हुए फरीदाबाद जिला कोर्ट के सेशन जज पुरुषोत्तम कुमार की कोर्ट ने दोषी मनोज को धारा 302 और 376 आईपीसी में दोषी करार देते हुए फांसी की सजा तथा उस पर 1 लाख 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

फरीदाबाद कोर्ट ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि महिला मानसिक रूप से दिव्यांग थी। महिला के साथ जघन्य अपराध हुआ है। उसके साथ बर्बरता की गई। इसलिए दोषी को किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जा सकता। जिसके बाद जज ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई।

बता दें कि मामला नवंबर साल 2022 का है। फरीदाबाद में सेक्टर सात थाने इलाके में एक खंडहर जगह पर महिला का शव मिला था। उस समय महिला अर्धनग्न अवस्था में थी, जिसके गले चुन्नी कसी हुई थी। महिला के शव के पास एक वाइपर भी पड़ा था। पुलिस ने महिला के शव और आसपास से सबूत को जुटाकर इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपी की तलाश में जुट गई थी।

खास बात ये कि इस मामले में कोई चशमदीद गवाह न होने की वजह से पुलिस और क्राइम ब्रांच को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। जांच टीमों ने सीसीटीवी कैमरे खंगाले और आरोपी को ढूंढने में जुट गई। लेकिन धीरे-धीरे केस की परतें खुलती गई। सीसीटीवी कैमरा खंगाले गए और मामले में करीब 22 लोगों ने गवाही दी।

पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह नेपाल का रहने वाला है। नेपाल जाने की फिराक में था। तभी भारत-नेपाल बॉर्डर पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। उसने बताया कि दिव्यांग महिला अपने पति को बिन बताए न्यू टाउन रेलवे स्टेशन पहुंच गई थी। जहां उस महिला को मनोज मिला। मनोज ने महिला के साथ बातचीत शुरू की और दुष्कर्म के मकसद से उसे अपने साथ खंडहर पार्क में लेकर पहुंचा। जहां उसने वारदात को अंजाम दिया।

 

पूरे मामले में 12 तारीख पड़ी है। पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीमों ने बेहतर काम किया, दोषी को फांसी तक पहुंचाया। जिसके चलते पुलिस के आला अधिकारियों को पुरस्कृत भी किया गया था।

- Advertisment -
RELATED NEWS
- Advertisment -

Most Popular