एक बार फिर चंडीगढ़ पीजीआई में कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। इससे अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ओपीडी में डॉक्टर के कक्ष तक मरीजों के कार्ड नहीं पहुंच रहे हैं।
ऐसे में मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। मरीजों को ब्लड सैंपल देने और अन्य जांच कराने जैसी चीजों में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पीजीआई ज्वाइंट एक्शन कमेटी के चेयरमैन अश्विनी कुमार मुंजाल का कहना है कि पीजीआई प्रशासन ने उनकी कोई भी मांग पूरी नहीं की है। इससे पहले भी प्रशासन ने आश्वासन दिया था। लेकिन कोई मांग पूरी नहीं हुई।
ये कर्मचारी जून में भी हड़ताल पर गए थे। उस समय पीजीआई प्रशासन ने उनकी कई मांगों पर सहमति जताते हुए उन्हें पूरा करने का आश्वासन दिया था। अब इन कर्मचारियों का आरोप है कि जो मांगें मानी गई थीं, उन्हें पूरा नहीं किया जा रहा है।
सीएम मान देंगे भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ियों को एक करोड़ का इनाम
पिछली बार भी चंडीगढ़ पीजीआई प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने मिलकर हड़ताल खत्म कराई थी, लेकिन इस बार वे तब तक हड़ताल खत्म नहीं करेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। इसके लिए अगर उन्हें जेल भी जाना पड़ा तो वह जेल जाने के लिए तैयार हैं।
संविदा कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को हो रही है। पीजीआई में ओपीडी, वार्ड, ऑपरेशन थिएटर और इमरजेंसी में मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन सभी जगहों पर मरीजों का काम बाधित हो रहा है।
जिन मरीजों को सर्जरी के लिए समय दिया गया था, आज उनकी सर्जरी में भी समय लग रहा है। कार्ड बनाने, फीस जमा करने के लिए रिसेप्शन काउंटर पर, डॉक्टर के कमरे के बाहर अटेंडेंट, हर जगह संविदा कर्मचारी तैनात हैं। इसलिए ये सभी सेवाएं बाधित हो रही हैं।