लैंडमार्गिज बैंक पंजाब के कर्मचारियों ने आज फरीदकोट के मिनी सचिवालय में पंजाब सरकार के खिलाफ राज्य स्तरीय धरना दिया। इस मौके पर कर्मचारियों ने पंजाब सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए काले झंडे लहराए और बर्तन बजाए।
इस अवसर पर बोलते हुए मुलाजम अगुओआ ने कहा कि इस बैंक को बंद करने की नीति पंजाब सरकार और लैंड मॉर्टगेज बैंक के शीर्ष अधिकारियों ने अपनाई है जिसके कारण उन्हें इस संस्था को बचाने और अपना हक पाने के लिए संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ा।
बातचीत करते हुए कर्मचारी नेताओं ने कहा कि पंजाब सरकार के अन्य विभागों के सभी कर्मचारियों के लिए छठा वेतन आयोग लागू कर दिया गया है, लेकिन लैंडमार्गिज बैंक के कर्मचारियों के लिए यह वेतन आयोग लागू नहीं किया गया है।
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उन्होंने कहा कि विभाग ने पिछले 5 वर्षों से कृषि ऋण देना बंद कर दिया है, जिस पर यह बैंक चलता था। उन्होंने कहा कि बैंक को किसानों से 5 गुना ज्यादा कर्ज लेना पड़ता है, लेकिन, अभी भी सरकार और विभाग के आला अधिकारी बैंक को बंद करने की फिराक में हैं।
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी नेताओं ने कहा कि पहले पंजाब में चल रही अधिकतर सहकारी मिलें बंद हो गईं और अब सरकार भूमि बंधक बैंकों को भी बंद करने की राह पर है। उन्होंने कहा कि इस बैंक को बंद करने में पंजाब सरकार से ज्यादा बैंक के वे अधिकारी शामिल हैं जो रिटायरमेंट के करीब हैं और बैंक को बंद करने का कारण बन रहे हैं।