रोहतक। रोहतक के डॉक्टर उन हताश माता पिता के लिए भगवान का रूप बन गए। दिल्ली से लेकर चंडीगढ़ तक कई जगहों और बड़े से बड़े हॉस्पिटल में अपने सेरेब्रल ग्रस्त बच्चे को चक्कर काटते रहे लेकिन इलाज नहीं हुआ। अंतत रोहतक के ब्रह्मणवास में स्थित गौड़ ब्राह्मण आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में जीवन को नई राह मिली तथा बच्चे के जीवन में प्रकाश फैला दिया।
जिला जींद निवासी सुनील ने बताया कि 3 वर्ष पहले उसके बेटे दिव्यांश ने जन्म लिया था। जो जन्म के समय रोया नहीं था। एक साल का होने के बाद भी यह बच्चा ना बैठ पाता था और ना ही खड़ा हो पा रहा था। इसका इलाज चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली एम्स आदि कई स्थान पर आयुर्वेदिक को छोड़कर अन्य चिकित्सा पद्धति से करवाया। मगर, कहीं से कोई फायदा नहीं मिला। अभिभावकों ने बताया कि उन्होंने अपने बच्चे को गौड़ ब्राह्मण आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में जनवरी 2022 को उपचार के लिए भर्ती करवाया।
चिकित्सालय के वैद्य विकास कौशिक ने बच्चे को उसे देखा और कहा कि बच्चा सेरेब्रल पाल्सी नामक बीमारी से ग्रस्त है। यह बीमारी जन्म से या उसके बाद भी हो सकती है। जिसके कारण अज्ञात है, इस बीमारी में बच्चे का मस्तिष्क बुरी तरह प्रभावित होता है और इसके कारण बच्चे का संपूर्ण विकास संभव नहीं होता। इसके बाद वैद्य विकास कौशिक की देखरेख में बच्चे का इलाज आरंभ हुआ। 8 माह उपरांत बच्चा बैठने लग गया और एक साल बाद वॉकर में दौड़ने लग गया। वैद्य विकास कौशिक ने कहा कि यह बच्चा 2 से 3 साल के उपरांत सामान्य हो जाएगा।
अभिभावकों ने जब बच्चे को वॉकर में दौड़ते हुए देखा तो उनकी आँखे नम हो गई। बच्चे की मां आरती ने कहा कि आज तक सिर्फ सुना था कि डॉक्टर भगवान का रूप होते है। अब हमारे बच्चे को नया जीवन देने पर यह सच प्रतीत नजर आने लगा है। उम्मीद है कि उसका बेटा जल्द ही ठीक हो जाएगा। गौड़ ब्राह्मण शिक्षण संस्थाओं के पदेन सचिव डॉ. जयपाल शर्मा ने वैद्य विकास कौशिक को बधाई दी और कहा कि हमें आयुर्वेद चिकित्सा पर अपना विश्वास रखना होगा। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में हर बीमारी तथा उसके उपचार की विधि का वर्णन सैकड़ों पूर्व ऋषियों द्वारा लिखा गया था तथा इसमें जरूर सिर्फ शोध की है।