नई दिल्ली। दिल्ली में एक अजब गजब मैरिज फेयर लगा है। इस फेयर में सिर्फ 50 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों के लिए ही एंट्री थी। फेयर में 70 पुरुष और 30 महिलाओं ने पार्टिसिपेट किया। यह फेयर अहमदाबाद के अनुभव फाउंडेशन की ओर से आयोजित किया गया है। एनजीओ अध्यक्ष के मुताबिक, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड जैसे विभिन्न राज्यों के लोगों ने खुद को जीवन में दूसरा मौका देने के लिए इस कार्यक्रम में भाग लिया।
अकेलेपन की बढ़ती समस्या
राजधानी दिल्ली में एक अनोखा मैरिज फेयर आयोजित किया गया, जिसमें केवल 50 साल की पार उम्र के लोगों की ही एंट्री थी। इस अनूठे फेयर में 50 से 90 साल के 70 पुरुष और 30 महिलाओं ने पार्टिसिपेट किया। अहमदाबाद के अनुभव फाउंडेशन की ओर से आयोजित वरिष्ठ नागरिक साथी परिचय सम्मेलन का आयोजन दिल्ली के महाराजा अग्रसेन भवन में कराया गया। एनजीओ के अध्यक्ष नाटुभाई पटेल ने बताया कि इस फेयर का आयोजन वरिष्ठ नागरिकों के बीच अकेलेपन की बढ़ती समस्या को कम करने के साथ ही प्यार और साथ पाने की नई शुरुआत करने का अवसर देना है।
फेयर में आये बुजुर्गों ने सांझा किये विचार
गाजियाबाद के राजनगर से आईं 68 वर्षीय ममता शर्मा ने इस दौरान अपने एक्सपीरिएंस साझा किए। उन्होंने बताया, “पढ़ाई बहुत मायने रखती है। मैं एक विधवा हूं और मैंने 2006 में अपने पति को खो दिया था, तब मेरी बेटी सिर्फ नौ साल की थी। अब वो 25 साल की हो चुकी है और जॉब करती है। मेरी बेटी ने ही इस फेयर के बारे में मुझे बताया था। मेरा मानना है कि लोगों से मिलने में कोई समस्या नहीं है और जीवन किसी भी समय बेहतरी के लिए बदल सकता है, इसलिए वह मुझे दूसरे मौके के लिए यहां ले आई। ”
उन्होंने विधवाओं के प्रति समाज की धारणा की आलोचना करते हुए कहा कि कुछ परिवार उन्हें बोझ समझते हैं। उन्होंने कहा, “मेरी पुरानी दोस्त जिसने अपने पति को खो दिया है, अपने बेटे के परिवार के साथ रहती है, लेकिन वो अपनी मर्जी से नहीं, बल्कि इसलिए क्योंकि वे एक नौकरानी का खर्च नहीं उठा सकते। मैं उसकी स्थिति से वाकिफ हूं। ” उन्होंने ऐसी अकेली महिलाओं से आगे आने और अपने लिए कुछ करने का आग्रह किया।
फेयर में 70 पुरुष और 30 महिलाएं शामिल हुईं
एनजीओ अध्यक्ष के मुताबिक, सम्मेलन में 70 पुरुष और 30 महिलाएं शामिल हुईं, जिनमें 50 से 90 वर्ष की आयु के प्रतिभागी शामिल थे। उन्होंने बताया कि राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड जैसे विभिन्न राज्यों के लोगों ने खुद को जीवन में दूसरा मौका देने के लिए इस कार्यक्रम में भाग लिया। इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए कई वरिष्ठ लोगों के परिजन की उन्हें लेकर आए। पटेल ने कहा कि एक महिला थी जो अपने पिता को लेकर आई थी, एक पुरुष था जो अपने पिता को लेकर आया था और एक बहू थी जो अपने ससुर को इस कार्यक्रम में लेकर आई थी।
68 साल के पिता को लेकर आई थी बेटी
इस फेयर में शामिल हुए 68 वर्षीय कृष्ण नंद शर्मा पेशे से डॉक्टर हैं। वह राजस्थान के बूंदी में प्रैक्टिस करते हैं। उनकी बेटी उन्हें बूंदी से दिल्ली लेकर आई थी। उन्होंने कहा, “हर कोई अपने जीवन में व्यस्त है. बच्चे अपनी शादीशुदा जिंदगी और नौकरियों में व्यस्त और खुश हैं। मैं अपनी पत्नी को खोने के बाद काम कर रहा था और अकेला रह रहा था, जिनकी 2014 में कैंसर के कारण मृत्यु हो गई। ” बुजुर्ग ने कहा कि मुझे लगता है कि मैं जीवन में दूसरा मौका पाने का हकदार हूं। उन्होंने कहा, “यदि आपके पास मौका है, तो ऐसा करें. जीवन अनमोल है और हमें इसे बर्बाद नहीं करना चाहिए। ”
68 वर्षीय महिला ने 2 साल पहले की थी शादी
मेले में शामिल हुईं 68 साल की दुर्गा ठक्कर ने बताया उन्होंने साल 2022 में नवरात्रि के दौरान 74 वर्षीय ऑटोमोबाइल इंजीनियर से शादी करके सामाजिक मानदंडों को तोड़ दिया था। वह मेले में ही दिलीप खराड़ी से मिली थीं। उन्होंने कहा, “जीवन वास्तव में कठिन है और जब आप एक महिला हों तो समाज इसे और अधिक चुनौतीपूर्ण बना देता है, खासकर जब आप विधवा हों। जीवन कठिन है और आपको इसका सामना अकेले ही करना पड़ता है। ” ठक्कर ने कहा कि एक विवाहित बच्चे वाली महिला के रूप में एक नई यात्रा शुरू करना उनके लिए चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने कहा, “अपने बच्चों और परिवार के शुरुआती विरोध के बावजूद मुझे खुशी है कि मैंने स्टैंड लिया और दोबारा शादी की। ”
अब तक 78 कार्यक्रमों का आयोजन
आयोजकों ने गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, झारखंड, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, बिहार, गोवा और उत्तर पूर्व सहित कई राज्यों में ऐसे कार्यक्रमों की मेजबानी की है। उन्होंने लगभग 78 कार्यक्रम आयोजित किए हैं और लगभग 202 जोड़ों के लिए मैचमेकिंग की सुविधा प्रदान की है।