सोनीपत। किसान आंदोलन अभी 29 फरवरी तक कर लिए स्थगित किया गया है। ऐसे में सोनीपत में कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर देर रात तक बुलडोजर से सीमेंटेंड दीवार को तोड़ने का काम जारी रहा। जिसके चलते सोमवार सुबह करीब 11 बजे सर्विस लेन को खोल दिया गया। महज दो लेन चालू करने से यहां लंबा जाम लग गया है। वाहन चालक रेंगकर चल रहे हैं। जिससे जहां लोगों को आवागमन में राहत मिल रही है, वहीं जाम की समस्या आफत बन गई है। पुलिस टीम वाहनों को निकालने में लगी है। जाम के बावजूद लोगों का कहना है कि लंबे फेर से तो मुक्ति मिल गई है।
दिल्ली के नरेला निवासी अजय ने बताया कि वह कुंडली में जॉब करते है। अब रोड खुलने से काफी राहत मिल सकेगी। अब तो बाइक से भी आवागमन हो सकेगा। पहले 10 किलोमीटर का सफर दो घंटे में पूरा होता था। अब राहत मिल सकेगी। जाम का भी कोई समाधान निकल आएगा। वहीँ सिंघु और टिकरी बॉर्डर भी खोल दिया गया है जिससे रोहतक से जाने वाले वाहनों को काफी राहत मिली है। बता दें कि पिछले करीब दो हफ्ते से यहां से पैदल आने-जाने वाले लोगों को भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। लोगों को 5 से 6 फीट ऊंची दीवार (सीमेंटेड बैरिकेड) पर चढ़कर बॉर्डर को क्रॉस करना पड़ता था।
बॉर्डर पर जेसीबी से तोड़ी गई कंक्रीट की दीवार
संडे को दिल्ली पुलिस की निगरानी में सीमेंटेड बैरिकेड्स को जेसीबी और क्रेन की मदद से तोड़ा गया। यहां कंक्रीट और सीमेंट की बनाई गई दीवार अब इतनी मजबूत हो गई है कि जेसीबी को भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। दोपहर करीब 3 बजे तक जेसीबी की मदद से एक से दो लेयर की सीमेंट की दीवार को ही तोड़ा जा सका। उसको तोड़ने और हटाने के लिए मौके पर 3 से 4 जेसीबी और हाइड्रोलिक क्रेन लगाए गए हैं। वह भी मशीनरी सीमेंट के पत्थर, मिट्टी से भरे कंटेनर, सड़क लगाए गए सीमेंट के प्लास्टर को हटाने में लगी हुई हैं।
पुलिस के सीनियर अधिकारियों ने बताया कि अभी फिलहाल लोगों को रिलीफ दिलाने के लिए यह कदम उठाए जा रहे हैं। अभी सिंघु बॉर्डर को पूरी तरह से नहीं खोला जाएगा। फ्लाईओवर के ऊपर पुलिस की चौकसी और वहां पर पहले की तरह ही सभी बैरिकेड मौजूद रहेंगे। हालांकि अभी किसानों के दिल्ली कूच पर रोक लग गई है। अगर फिर से किसानों के दिल्ली कूच को लेकर तैयारी शुरू होती है तो फिर से इन रास्तों को बंद कर दिया जाएगा।
लोगों ने कहा, अब खुल सकेंगी दुकानें
बॉर्डर पर दोनों तरफ के सर्विस रोड खोले जाने को लेकर के स्थानीय लोगों ने खुशी जाहिर की है। इलाके के लोगों का कहना है कि जो लोग महज कुछ किलोमीटर का सफर करने के लिए कई किलोमीटर घूमकर हरियाणा और दिल्ली आया-जाया करते थे, उनके लिए यह एक बड़ी राहत होगी। वहीं, आसपास मौजूद दुकानदार और व्यापारियों ने बताया कि सड़क खुलने से उनके व्यापार में वृद्धि होने की उम्मीद है। यहां पर कई ऐसी दुकानें हैं, जो पिछले दो हफ्ते से बंद थीं। अब वह दुकानें खुल सकेंगी। कुंडली के रहने वाले प्रवीण ने बताया कि रोहिणी अपने ऑफिस के लिए उन्हें गांव की गलियों से कई किलोमीटर घूमकर आना पड़ता था। लेकिन अब सर्विस रोड शुरू होने से बड़ी राहत मिलेगी। हालांकि लोगों का यह भी कहना है कि अभी किसान दिल्ली से काफी दूर थे। इसको देखते हुए प्रशासन को पहले भी सर्विस रोड को खुला रखना चाहिए था।
बॉर्डर खुलने से कितनी राहत?
दो हफ्ते से अधिक समय तक दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर सील रहे। पिछली बार से सबक लेते हुए इस बार इंतजाम भी पुख्ता थे। मगर, हर किसी के मन में सवाल यह कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि पुलिस ने दोनों बॉर्डर पर सभी तरह के अवरोधक हटाने शुरू कर दिए। पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि सर्विस लेन और बाकी कुछ हिस्सों को खोला जरूर गया है। लेकिन पुलिस की देखभाल जारी रहेगी। अवरोध के लिए जो सामान है, वहीं पड़ा है। स्थिति पर नजर रहेगी और जरूरत पड़ने पर सीमाएं फिर से बंद की जा सकती हैं।
दिल्ली जाने वाले यात्रियों और इंडस्ट्रियल गाड़ियों को राहत मिली है। 29 फरवरी तक ‘दिल्ली कूच’ टालने के बाद शनिवार को दिल्ली पुलिस ने बैरिकेडिंग और सख्ती में थोड़ी ढील दी। रविवार को इसमें भी पूरी तरह राहत दे दी। टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर ट्रैफिक की आवाजाही शुरू कर दी गई है। पुलिस का कहना है, दोनों ही जगहों पर दिल्ली से हरियाणा जाने और वहां से आने के लिए एक-एक लेन खोली गई है।