Sunday, November 24, 2024
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रोहतक सिविल अस्पताल के मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए जाना पड़ेगा PGI, जाने क्या है वजह

रोहतक। रोहतक सिविल अस्पताल में बीस दिन बाद भले ही अल्ट्रासाउंड सुविधा दोबारा शुरू हो गई है लेकिन यह सुविधा 29 फरवरी तक ही रहेगी। इसके बाद मरीजों को पीजीआई जाना पड़ेगा। यह हम इस लिए कह रहे हैं क्योंकि सिविल अस्पताल की महिला चिकित्सक काे दो माह के लिए चाइल्ड केयर लीव पर जाना है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने वैकल्पिक तौर पर चिकित्सक अल्ट्रासाउंड सुविधा के उपलब्ध कराया है।

अल्ट्रासाउंड के लगभग 200 मरीज पहुंचते हैं रोजाना

पिछले 20 दिनों से सिविल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सुविधा बंद है। इस कारण मरीज परेशान हैं। मरीज या तो पीजीआई के चक्कर लगाने को विवश हैं या मजबूरी में निजी केंद्रों की शरण लेने को विवश हैं। सिविल अस्पताल में रोजाना अल्ट्रासाउंड के लिए लगभग 200 मरीज पहुंचते हैं। इस हिसाब से एक सप्ताह में करीब एक हजार से अधिक मरीज हो जाते हैं। इन मरीजों के लिए अब अस्पताल में छह दिन के लिए चिकित्सक उपलब्ध है। इसी चिकित्सक पर इन हजार मरीजों के अलावा रोज आने वाले नए मरीजों की जांच का भी भार है। अस्पताल में अगले माह भी अल्ट्रासाउंड सुविधा उपलब्ध होगी या नही, इस बारे में भी स्थिति अस्पष्ट है। ऐसे में इस चिकित्सक के जाने के बाद एक मार्च से फिर से मरीजों को पीजीआई का रुख करना पड़ेगा।

अपनी बारी के इंतजार में लंबी लाइनों में लगे रहते हैं मरीज

अल्ट्रासाउंड के लिए आये खिलड़वाली की एक मरीज का कहना है कि डॉक्टर ने 15 दिन पहले अल्ट्रासाउंड कराने के लिए कहा था मगर सुविधा उपलब्ध ना होने के कारण नहीं करा पाए। अस्पताल में शुक्रवार को जांच कराने के लिए आए, तब पता चला अल्ट्रासाउंड हो सकता है। अब लाइन में लगे एक घंटे से ज्यादा हो गया हैं मगर अभी तक बारी नहीं आई है। वहीँ किलोई से आई एक गर्भवती महिला का कहना है कि सिविल अस्पताल में केवल पांच रुपए में अल्ट्रासाउंड होता है जो मध्य वर्ग परिवार के लिए राहत हैं। मगर लाइन में लग कर घंटों इंतजार करना मरीज के लिए परेशानी का मामला है। मार्च में दोबारा से सुविधा बंद हो गई तो पीजीआई में जाकर भीड़ में दोबारा से परेशान होना होगा।

सिविल हॉस्पिटल की रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर डॉ. शारदा के अनुसार अल्ट्रासाउंड सुविधा केवल 29 फरवरी तक उपलब्ध रहने वाली है। हफ्ते में ओपीडी के छह दिन में हजार मरीज आते हैं और एक चिकित्सक के लिए इतने मरीज देख पाना मुश्किल रहता है। यह देखते हुए अधिकारियों द्वारा एक माह पहले ही मुख्यालय में दो रेडियोलॉजिस्ट की मांग भेज दी गई है।

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