नई दिल्ली। बाजू की झूलती चर्बी वजन बढ़ते ही साफ़ दिखाई देने लगती है। वजन बढ़ना एक गंभीर समस्या है, जिसको डब्ल्यूएचओ ने भी माना है। दुनियाभर में करीब 2 अरब लोग इस गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। बढ़ते मोटापे का अंदाजा ज्यादातर लोग पेट बढ़ने से ही लगाते हैं पर और अन्य अंगों को नरजअंदाज कर जाते हैं। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि बाजुओं की झूलती चर्बी आपको किस कदर परेशान कर सकती है। बाजू का आकार बढ़ने से यह आपके मनपसंद कपड़ों की फिटिंग खराब कर सकती है। इसके चलते कई बार शर्मिंदा भी होना पड़ता है।
जब हमारी बाजुओं पर चर्बी होती है, तो यह पूरे शरीर का वजन बढ़ने के परिणामस्वरूप होता है। एक्स्ट्रा चर्बी की वजह से बाजुएं भद्दी लगती हैं और उन्हें कम करना मुश्किल लगता है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि वजन थायरॉयड संबंधी समस्याओं या किसी अन्य बीमारी जैसे पीसीओडी, पीसीओएस, गैस और एसिडिटी से संबंधित समस्याओं आदि से प्रभावित तो नहीं हो रहा है। यदि वजन बढ़ना जारी है तो डाइट पर ध्यान दें और दिनचर्या में फिजिकल एक्टिविटी को शामिल करें। आज हम आपको कुछ ऐसे योग के बारे में बता रहे हैं जो आपको मोटी बाजुओं को पतला करने में मदद कर सकते हैं। इन योग के बारे में हमें योग मास्टर, फिलांथ्रोपिस्ट, धार्मिक गुरु और लाइफस्टाइल कोच हिमालयन सिद्ध अक्षर जी बता रहे हैं।
अक्षर जी का कहना है, ‘मजबूत और सुडौल बाजुओं के लिए इन आसनों को दिन में दो बार एक बार सुबह और एक बार शाम को करने की कोशिश करें। योग वजन कम करने, शरीर को टोन करने और हेल्थ को बेहतर बनाने का एक शानदार तरीका है। आसन करते समय जागरूकता को सांसों पर लाएं। हर आसन को 3-5 बार दोहराएं और अच्छे रिजल्ट के लिए इस पूरे सेट को दिन में दो बार करें।’
संतुलानासन – प्लैंक पोज
इसे करने के लिए पेट के बल लेट जाएं।
हथेलियों को कंधों के नीचे रखें और ऊपरी शरीर, श्रोणि और घुटनों को ऊपर उठाएं।
फर्श को होल्ड करने के लिए पैरों की उंगलियों का प्रयोग करें और घुटनों को सीधा रखें।
सुनिश्चित करें कि घुटने, पेल्विक और रीढ़ एक सीध में हैं।
कलाइयां कंधों के ठीक नीचे होनी चाहिए और बाजुएं सीधी होनी चाहिए।
अंतिम आसन में कुछ देर रुकें।
वशिष्ठासन
संतुलानासन से शुरुआत करें।
बाईं हथेली को मजबूती से जमीन पर रखते हुए, दाहिने हाथ को फर्श से हटा लें।
पूरे शरीर को दाहिनी ओर मोड़ें दाहिने पैर को फर्श से ऊपर उठाएं और बाएं पैर के ऊपर रखें।
दाहिने हाथ को ऊपर उठाएं और उंगलियों को आकाश की ओर रखें।
सुनिश्चित करें कि दोनों घुटने, एड़ी और पैर एक दूसरे के संपर्क में हों और दोनों हाथ और कंधे एक सीध में हों।
सिर घुमाएं और दाहिने हाथ की ओर देखें।
यही प्रक्रिया बाईं ओर दोहराएं।
चतुरंग दंडासन
प्लैंक आसन से शुरुआत करें।
जैसे ही सांस छोड़े, शरीर को आधे पुश-अप में इस तरह नीचे करें कि ऊपरी बाजुएं फर्श के समानांतर हों।
कंधे अंदर खींचे हुए होने चाहिए।
कलाइयां और कोहनियां फर्श से लंबवत होनी चाहिए और कंधे शरीर के अनुरूप होने चाहिए।
आसन को 10-15 सेकंड के लिए रोककर रखें।
बकासन
समस्तीथी से शुरू करें।
आगे की ओर झुकें और हथेलियों को पैरों के सामने सीधा रखें।
उंगलियां आगे की ओर और उन्हें अलग-अलग फैलाया जाना चाहिए।
कोहनियों को थोड़ा मोड़ें और घुटनों को बाजुओं पर रखें।
इस तरह आगे झुकें कि शरीर का सारा भार बाजुओं पर आ जाए।
संतुलन बनाएं और धीरे-धीरे दोनों पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं। पैरों को एक साथ लाएं।
चक्रासन
पीठ के बल लेट जाएं
पैरों को घुटनों पर मोड़ें और सुनिश्चित करें कि पैर फर्श पर मजबूती से टिके हों।
हथेलियों को आकाश की ओर करके कोहनियों पर बाजुओं को मोड़ें।
बाजुओं को कंधों पर घुमाएं और हथेलियों को सिर के बगल में दोनों ओर फर्श पर रखें।
श्वास लें, हथेलियों और पैरों पर दबाव डालें और एक आर्च बनाने के लिए पूरे शरीर को ऊपर उठाएं।
गर्दन को आराम दें और सिर को धीरे से पीछे की ओर गिरने दें।
फिटनेस प्रोग्राम में कार्डियो शामिल करें
वजन कम करने के लिए फिटनेस प्रोग्राम में कार्डियो को भी शामिल करें। योग के साथ-साथ रनिंग और स्विमिंग भी किया जा सकता है। यदि खाने के कारण अधिक वजन हैं तो बैलेंस डाइट को फॉलो करना शुरू करें। इन प्रथाओं को नियमित दिनचर्या में शामिल करने के लिए जीवनशैली में बदलाव करें।
यह वजन घटाने, बेहतर ताकत और विशेष रूप से बाजुओं के आसपास टोनिंग का अनुभव करने में मदद करेगा। अगर आपको भी हेल्थ से जुड़ी कोई समस्या है तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं और हम अपनी स्टोरीज के जरिए इसका हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें।