Sunday, November 24, 2024
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रोहतक पीजीआई में ऑनलाइन होगा मरीजों का ब्यौरा, 1 क्लिक पर सामने होगी रोग की हिस्ट्री

नैक के सुझाव के बाद पीजीआई प्रशासन ने इस पर काम तेज कर दिया है। यह काम एक एजेंसी से कराने के लिए मुख्यालय को डिमांड की गई है।

रोहतक। रोहतक पीजीआई में अब सारा काम पेपरलेस किया जाएगा। इसमें पूरा रिकार्ड ऑनलाइन होगा। इससे डॉक्टर कहीं पर भी मरीज का पूरा विवरण देख पाएंगे। इससे मरीजों के इलाज का पुराना रिकार्ड भी देखा जा सकेगा। जिससे मरीज को लाभ मिल पाएगा। नैक के सुझाव के बाद पीजीआई प्रशासन ने इस पर काम तेज कर दिया है। यह काम एक एजेंसी से कराने के लिए मुख्यालय को डिमांड की गई है।

​पिछले काफी समय से पीजीआई में रिकार्ड मेंटेन करने का काम मुश्किल हो गया है। इसमें किसी भी विभाग में जरूरत पड़ने पर कर्मचारी को जिम्मेदारी देनी पड़ती है। इसके आने तक डॉक्टर को भी इंतजार करना पड़ता है। साथ ही ओपीडी से लेकर विभागों में काम करने वाले जूनियर डॉक्टरों का काफी समय पेपर वर्क को पूरा करने में ही ​बीत जाता है। साथ ही मरीज एक बार डिस्चार्ज होने के बाद ​डॉक्टर को उसका ब्योरा नहीं देख पाता। क्योंकि पुराना विवरण मिलना बेहद मुश्किल होता है।

23 नवंबर तक नैक की टीम ने पीजीआईएमएस में निरीक्षण के दौरान पेपरलेस वर्क करने का सुझाव दिया था। क्योंकि निरीक्षण के दौरान रिकार्ड को चेक करने में खासी दिक्कत आई थीं। जिस पर नैक ने पीजीआईएमएस को पेपरलैस करने और पूरा डाटा ऑनलाइन करने का सुझाव दिया। इस पर पीजीआई ने काम तेज कर दिया है। इसमें पहले से सभी विभागों में कंप्यूटर, ब्रॉडबैंड मौजूद होने से व्यवस्था बनाना आसान माना गया है। जिसमें सॉफ्टवेयर के जरिए एजेंसी से यह काम कराने की योजना बनाई गई है। इसके लिए पीजीआईएमएस प्रबंधन ने मुख्यालय को डिमांड की है। इस पर मुख्यालय की तरफ से जल्द ही एजेंसी से काम कराने के लिए कहा गया है।

पीजीआईएमएस चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कुंदन मित्तल ने कहा कि पेपरलेस वर्क के लिए मुख्यालय से डिमांड की गई है। एक एजेंसी के जरिए इस काम को कराया जाएगा। इसमें जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। जिससे जूनियर डॉक्टर केवल इलाज करने के लिए फ्री होंगे। इससे कई फायदे मरीजों और डॉक्टरों को होंगे।

मरीजों के साथ डॉक्टरों को यह होगा लाभ

मरीज के इलाज का पुराना विवरण देख पाएंगे डॉक्टर
जूनियर डॉक्टरों का इलाज पर होगा फोकस
रिकार्ड के लिए अलग से कर्मचारी भेजने की जरूरत नहीं
रिसर्च करने में होगी आसानी
तीमारदारों को आने-जाने का झंझट खत्म

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