रोहतक, 28 जुलाई। हम सभी विभागों के साथ मिलकर कार्य करते हैं तभी कोई विभाग शिखर तक पहुंच सकता है, गैस्ट्रोलॉजी विभाग ने अपने साथ अन्य विभागों को भी जोडकर मरीजों को उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई है। हम सभी को चाहिए कि एक दूसरे के साथ सांमजस्य स्थापित करते हुए मरीजों का इलाज करें। यह कहना है पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना का। वें शुक्रवार को पीजीआईएमएस के सुश्रुत सभागार में मनाए जा रहे विश्व हैपेटाइटिस दिवस के अवसर पर मुख्यअतिथि के तौर पर उपस्थित हुई थीं।
इस अवसर पर चिकित्सकों व आमजन को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना ने कहा कि आज हम सभी ने यहां हैपेटाइटिस को लेकर जो महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की उससे हमें पूरे प्रदेश को जागरूक करना होगा।
कुलसचिव डॉ.एच.के.अग्रवाल ने कहा कि आज के दिन की थीम बहुत अच्छी है। हमें घर-घर इस जागरूकता को पहुंचाना होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का हमेशा गैस्ट्रोलॉजी विभाग को सहयोग रहेगा।
निदेशक डॉ.एस.एस. लोहचब ने कहा कि आज के इस भव्य कार्यक्रम के लिए डॉ. प्रवीण मल्होत्रा व उनकी टीम बधाई की पात्र है जो यह हॉल आज पूरी तरह से भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि लोगों में काले पीलिये के प्रति भ्रम नहीं रखना चाहिए और समय पर अपना इलाज करवाना चाहिए। डॉ. लोहचब ने कहा कि डॉ. मल्होत्रा के सहयोग से ही आज हरियाणा की जीवन रेखा स्कीम ने पूरे देश में अपनी पहचान बनाई है।
पूर्व कुलपति डॉ.एस.एस. सांगवान ने कहा कि चिकित्सकों को हैपेटाइटिस से पीडित मरीजों के आप्रेशन से हिचकिचाना नहीं चाहिए। मंच का संचालन स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ. वाणी मल्होत्रा ने किया। उन्होंने गैस्ट्ो विभाग के दस साल के सफर पर बनी डोक्युमेंटरी दिखाई।
गैस्ट्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रवीण मल्होत्रा ने बताया कि इस वर्ष की थीम हम इंतजार नहीं कर रहे हैं, एक लीवर एक जान के बराबर है। उन्होंने विस्तार से स्लाइड के बारे में बताया कि हैपेटाइटिस की बीमारी कैसे फैलती है और भारत में हैपेटाइटिस के कितने मरीज हैं।
डॉ. मल्होत्रा ने बताया कि आज जो हैपेटाइटिस के प्रति जागरूकता आई है, उसमें मीडिया का बहुत अहम रोल है। उन्होंने कहा कि हमें रक्तदान करते रहना चाहिए क्योंकि उसकी जांच के दौरान ही कई मरीजों को उनके हैपेटाइटिस से पीडित होने की सूचना मिलती है।
डॉ. मल्होत्रा ने बताया कि हमें हमेशा मरीजों के साथ बडे ही विनम्र स्वभाव के साथ पेश आना चाहिए। इससे मरीज की आधी बीमारी अपने आप कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा प्रदेश के नोडल अधिकारियों को टैली कंसल्ट करके हैपेटाइटिस की जानकारी भी दी जा रही है। डॉ. प्रवीण ने कहा कि बहुत जल्द इेको प्रोजैक्ट पर भी कार्य शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वें आज यहां आए सैकडों गणमान्य लोगांे, एनजीओ, छात्रों, कर्मचारियों व सभी का तहे दिल से धन्यवाद व्यक्त करते हैं। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान करीब आधा दर्जन लोगों ने अपने कठिन भरे इलाज से आज सुखी जीवन की यादें सांझा करते हुए हैपेटाइटिस की बीमारी से ना घबराने की अपील की।
इस भव्य कार्यक्रम में समाज के विभिन्न संस्थाओं का योगदान था, जिसमें विशेष रूप बाबा कपिलपुरी, बाबा कर्णपूरी, स्वामी परमानंद, गुलशन निझावन, जसमेर हुड्डा, हेमंत बक्शी, लवलीन टुटेजा, जगमती सांगवान, कृष्ण छाबडा, पार्षद राधेश्याम ढल, पार्षद कदम सिंह, कपिल सहगल, आईएमए के प्रधान डॉ. सुखीजा, डॉ. जेपी अरोडा, डॉ. प्रमोद मरवाह जैसे सैकडों समाज सेवी उपस्थित थे।
इस अवसर पर डीन एकेडमिक अफेयर डॉ. अशोक चौहान, डीन डॉ. कुलदीप सिंह लालर, डीएसडब्लू डॉ. गजेंद्र सिंह, डॉ. जगजीत दलाल, डॉ.मंजूनाथ,डॉ. गजेंद्र, डॉ. वरूण अरोडा, डॉ. सहगल, प्राचार्य प्रो. सुनीता सहित सैकडो लोग उपस्थित थे।