Welcome Gen Beta: 2025 की पहली सुबह भारत के लिए एक नया अध्याय लेकर आई। मिजोरम के आइजोल में जन्मे फ्रेंकी रेमरूआतदिका जेडेंग को भारत का पहला जनरेशन बीटा बेबी कहा जा रहा है। इस बच्चे का जन्म 1 जनवरी, 2025 को रात 12:03 बजे हुआ। यह न केवल नए साल का आगाज़ है, बल्कि एक नई पीढ़ी की शुरुआत का प्रतीक भी है।
फ्रेंकी: नए युग का प्रतिनिधि
फ्रेंकी का जन्म सामान्य डिलीवरी के जरिए हुआ और वह पूरी तरह स्वस्थ है। बच्चे का वजन 3.12 किलोग्राम है। डिलीवरी कराने वाले डॉक्टर, डॉ. वनलालकिमा ने कहा कि यह एक सहज प्रक्रिया थी और इसमें कोई जटिलता नहीं थी।
सोशल मीडिया पर फ्रेंकी की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर की गई तस्वीर में फ्रेंकी को एक नए युग का प्रतिनिधि बताया गया है।
Ramchhunga Kumthara nau piang hmasa bera chhinchhiah chu zan lai pelh hret dar 12 leh minute 3 khan Synod Hospital Durtlangah a piang a ni a. Mipa a ni. pic.twitter.com/qmZqo8HxHP
— AIR News Aizawl (@airnews_aizawl) January 4, 2025
जनरेशन बीटा: भविष्य की पीढ़ी
ऑस्ट्रेलियन फ्यूचरिस्ट मार्क मैक्रिंडल ने “जनरेशन बीटा” टर्म का परिचय दिया था। इसमें 2025 से 2039 के बीच जन्म लेने वाले बच्चे शामिल होंगे।
इस पीढ़ी की विशेषताएं:
- टेक्नोलॉजी के साक्षी: जनरेशन बीटा के बच्चे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑटोमेशन, और ग्लोबल कनेक्टिविटी से प्रभावित दुनिया में बड़े होंगे।
- माता-पिता: ये बच्चे मिलेनियल्स और जनरेशन ज़ेड माता-पिता की संतान होंगे।
- भविष्य का निर्माण: मैक्रिंडल के अनुसार, 2035 तक, जनरेशन बीटा विश्व की जनसंख्या का 16% हिस्सा बन सकता है।
तकनीक से प्रभावित जीवन
जनरेशन बीटा पहली ऐसी पीढ़ी होगी, जो पूरी तरह से तकनीक आधारित दुनिया में पलेगी। मार्क मैक्रिंडल ने अपने ब्लॉग में लिखा कि अल्फा और बीटा पीढ़ी हमारे जीने, काम करने और संवाद करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं।
दुनिया में संभावित बदलाव:
- शिक्षा में एआई का व्यापक उपयोग।
- कार्यस्थल पर ऑटोमेशन का प्रभुत्व।
- मनोरंजन के तरीकों में वर्चुअल रियलिटी और ग्लोबल कनेक्टिविटी का समावेश।