Saturday, May 18, 2024
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पुलिस वर्दी में भी अच्छा इंसान बन सकते है l

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गुस्ताखी माफ हरियाणा – पवन कुमार बंसल : उत्तराखंड के डीजीपी अशोक गर्ग की पुस्तक “खाकी में इंसान “का भिवानी में विमोचन! हर व्यक्ति को यह भ्रम होता है कि खाकी में इंसान नहीं होता। इसे दूर करने के लिए मैंने अपने दिल से खाकी में इंसान पहली किताब लिखी। यह किताब मेरे मन में उठे द्वन्द्व की उपज है। जिसके माध्यम से मैं यह संदेश समाज को देना चाहता हूं कि पुलिस से डर केवल बदमाशों में होना चाहिए। आम आदमी के अंदर पुलिस को देखकर खुशी व महिलाओं में सुरक्षाओं का भाव आना चाहिए। यह बात उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक गर्ग ने अपनी पुस्तक “खाकी में इंसान” के जनसंवाद एवं समीक्षा समारोह में कही। कार्यक्रम में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड सचिव ज्योति मित्तल विशिष्ट अतिथि रही।

आदर्श महिला महाविद्यालय भिवानी में आयोजित जनसंवाद एवं समीक्षा समारोह में उत्तराखंड के डीजीपी अशोक गर्ग ने कहा कि पुलिस का मतलब चाय की दुकान पर सेटिंग व दलाली तंत्र का नहीं, अपितु जनता की सेवा का है। उन्होंने कहा कि देश का विकास तभी संभव है, जब पुलिस तंत्र देश के साथ जुड़ेगा। पुलिस की छवि अंग्रेजों के समय से क्रांतिकारी आंदोलन को दबाने व कर वसूलने की रही है। जिसे आज बदलने की आवश्यकता है। उनकी इस पुस्तक में स्वयं अनुभवों के आधार पर गैंगरेप, भ्रष्टाचार एवं चोरी डकैती से संबंधित 16 कहानियां है।

जिसे उन्होंने दिमाग से नहीं अपने दिल से लिखा है। उन्होंने कहा कि यदि महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हं और यह सामने आ रहा है तो इसका कारण महिलाओं की जागरूकता है। यह एक सकारात्मक पहलू है। लोकतांत्रिक व राजनीतिक दबाव पर उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक देश में सेवा करना कोई मुश्किल कार्य नहीं। डीजीपी बोले, हिंदी मेरी राष्ट्र भाषा है। अंग्रेजी मुझे सीखनी पड़ी है। साथ ही उन्होंने अपनी अन्य किताबों पर प्रश्नों के उत्तर में हार्ड वर्क नहीं स्मार्ट वर्क, सिविल प्रतियोगिता की तैयारी, पुलिस स्तर राष्ट्रीय स्तर पर कैसे कार्य करें यह भी बताया।

उन्होंने कहा कि पुलिस के पास वर्दी, कानून एवं हथियार तीन गुणा शक्ति होती है। जिसका वह पूर्ण ईमानदारी व सत्य निष्ठा से वहन करें। उन्होंने अपनी किताब के पन्नों को श्रोतागण के साथ सांझा किया, जिसे शहर से आए अतिथिगणों एवं प्रभुद्धजनों ने बड़ी आतुरता से सुना। कार्यक्रम में जनसंवाद के तहत पूछे गए प्रश्नों का उत्तर उन्होंने बड़े ही प्रभावी ढंग से दिया l महाविद्यालय की छात्रा स्नेह ने अशोक कुमार का पोर्टरेट बनाकर भेंट किया। इस पुस्तक पर चर्चा के लिए शीघ्र ही गुरुग्राम में एक कार्यकर्म किया। जाएगा l

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