हरियाणा। योगेश्वेर दत्त पहलवानों को नसीहत देते हुए नज़र आये। ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ने कहा कि पहलवान के पास अपना प्रदर्शन दिखाने का काफी कम समय होता है। उम्र के साथ फिटनस का भी महत्वपूर्ण रोल होता है। कुश्ती ऐसा खेल है, जिसमें काफी चोटें लगने की संभावना रहती है। सभी पहलवान नकारात्मक चीजों से निकले और पूरा ध्यान कुश्ती में लगाएं। उन्होंने सभी खिलाडियों से कुश्ती संघ के चुनावों को सकारात्मक तरीके से लेने की अपील की है। उन्होंने साक्षी मालिक के कुश्ती छोड़ने को दुखदाई बताया है। लेकिन इसी के साथ उन्होंने कहा कि आखिरकार कुछ महीनों बाद कुश्ती का बुरा दौर गुजर गया है।
ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पिछले 11 माह कुश्ती व पहलवानों ने बुरा दौर देखा है, जो अब गुजर गया है। जूनियर से लेकर सीनियर लेवल तक के पहलवान सकारात्मक सोच के साथ आगे आएं। नई फेडरेशन उनकी समस्याओं का समाधान करेगी। योगेश्वर ने कहा कि संजय सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय कुश्ती संघ की नई टीम चयनित हुई है। पहले की तरह कुश्ती का स्वर्णकाल लौटकर आएगा।
योगेश्वर दत्त ने कहा कि 13 साल कुश्ती का अच्छा कार्यकाल रहा। लगातार चार ओलंपिक में कुश्ती में देश को पदक मिला, लेकिन यौन शोषण के आरोप बड़े दुखदायी रहे। हालांकि अदालत में केस की सुनवाई चल रही है, जिसका निर्णय आ जाएगा, लेकिन राष्ट्रीय कुश्ती संघ भंग होने से खिलाड़ियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। पहलवान समय पर बाहर नहीं जा पा रहे थे। एडहॉक कमेटी के पास इतना अनुभव नहीं था। अब कोच, डॉक्टर व विदेशों में शिविर आसानी से लग सकेंगे।
साक्षी मलिक के कुश्ती से संन्यास के फैसले पर योगेश्वर दत्त ने कहा- किसी भी खिलाड़ी का संन्यास लेने का फैसला उसका निजी फैसला होता है। हां इतना जरूर कहूंगा कि किसी भी प्लेयर के लिए किसी भी हालात में अपने खेल से दूर होना या गेम को अलविदा कहना बहुत दुखदायी होता है। जब भी कोई खिलाड़ी अपने संन्यास की घोषणा करता है तो वह उसके लिए बुरा समय होता है। एक खिलाड़ी अपना पूरा जीवन खेल को दे देता है। खेल की वजह से उसे दुनियाभर में पहचान और लोगों का प्यार मिलता है। हालांकि हर प्लेयर के जीवन में एक समय ऐसा आता ही है जब उसे अपने गेम को अलविदा कहना पड़ता है।