Wednesday, May 1, 2024
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शादी में दूल्हे को क्यों दिया जाता है कटार या तलवार ? सात फेरों के दौरान क्यों है जरूरी

चंडीगढ़। शादी की परंपरा में दूल्हा अपने साथ तलवार, चाकू, कटार या छूरी जरूर रखता है। आज भी इन परंपराओं को निभाने में कानूनी अड़चनें नहीं होतीं, क्योंकि यह परंपरा हजारों साल पुरानी है। मौजूदा समय में आर्म्स एक्ट 1959 की धारा 4, 7, 9, 25 के तहत खतरनाक हथियार रखना वर्जित है। इन हथियारों में 6 इंच से बड़े छुरी, तलवार भी शामिल है।

शादी में दूल्हा क्यों रखता है तलवार

हिंदू धर्म के रीति रिवाज के अनुसार, विवाह में दूल्हे का साथ में तलवार रखना बेहद शुभ माना जाता है। पुजारी व कथा वाचक देवेंद्र आचार्य ने बताया कि तलवार को प्राचीन काल से ही शौर्य का प्रतीक माना जाता है। यही वजह है कि दूल्हे के द्वारा तलवार रखने की परंपरा पुराने जमाने से ही चली आ रही है। दूल्हा जब शादी करने के लिए जाता है तो वह अपनी होने वाली पत्नी की आजीवन रक्षा करने का वचन भी देता है। यही वजह है कि दूल्हा तलवार अपने हाथों में लेकर दुल्हन के साथ सात फेरे लेता है। शादी के दौरान दूल्हे के हाथ में रखी तलवार इस बात का प्रतीक होती है कि वह अपनी दुल्हन की आजीवन रक्षा करेगा और सही सलामत शादी करके सकुशल अपने घर वापस आएगा।

पहले कई दिन चलती थी बारातें

देवेंद्र आचार्य बताते हैं कि पहले लोग बहुत दूर दराज में शादियां किया करते थे। कई दिनों तक चलने के बाद बारात दुल्हन के घर तक पहुंचती थी। बीच में बारातियों के द्वारा जंगल-पहाड़ में विश्राम किया जाता था, इसलिए सुरक्षा के लिहाज से भी वो अस्त्र शस्त्र लिए रहते थे। तभी से इस परंपरा की शुरुआत हुई है।

तलवार या छुरी रखने से नहीं लगती नजर

देवेंद्र आचार्य बताते हैं कि पुराने लोगों का ऐसा भी मानना था कि दूल्हे के पास यदि लोहे की धातु रहेगी तो उसे किसी भी व्यक्ति की बुरी नजर नहीं लगेगी और न ही उस पर नकारात्मक शक्तियों का असर होगा। अक्सर बुजुर्ग महिलाएं घर के बच्चे को बुरी नजर से बचने के लिए काला टीका लगाया करती हैं। इसी तरह दूल्हे को टीका लगाकर तलवार रखने के लिए दी जाती है। चूंकि शादी के दिन दूल्हे भी सजते संवरते हैं और इस दिन वह बाकी दिनों की अपेक्षा काफी सुंदर दिखाई देना चाहते हैं। ऐसे में उन्हें नजर न लगे इसके लिए उनके पास कोई न कोई लोहे की वस्तु रखने के लिए दी जाती है। यही वजह है कि दूल्हे अपने साथ तलवार रखते हैं।

तलवार रखने से कॉन्फिडेंस में रहता है दूल्हा

रीवा के खटखहाई बाजार के जवाहर जनरल स्टोर के मालिक और शादी में उपयोगी समान के विक्रेता व्यापारी सोनू बताते हैं कि तलवार रखने से दूल्हा खुद कॉन्फिडेंस में रहता है, क्योंकि शादी उसके जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसे मौके पर दूल्हा नर्वस फील ना करे, इसके लिए भी तलवार जरूरी है। पहले के दौर में जब शादियां हुआ करती थी तो लोगों के द्वारा छुरी बनवाई जाती थी। धीरे-धीरे यह परंपरा पोशाक को और बेहतर बनाने के लिए भी अपनाई जाने लगी है।

अब यदि शेरवानी के साथ दूल्हा तलवार साथ में रखकर शादी करने के लिए जाता है तो उसका लुक महाराज स्टाइल में रहता है। वहीं कोट पेंट या सूट के साथ सबसे ज्यादा कटार या छुरी पसंद की जाती है। यह शैली राजा-महाराजा को देखते हुए विकसित हुई है। आज यह रिवाज सिर्फ परंपरा तक सीमित नहीं, बल्कि दूल्हे के द्वारा तलवार रखना एक फैशन भी है।

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