राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जहरीली हवा का स्तर दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। बढ़ते प्रदूषण के बीच इससे जुड़ा डेटा भी मिलना बंद हो गया है। दो केंद्रीय एजेंसियां सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) और डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) ने तो प्रदूषण के स्त्रोतों पर जानकारी देना भी बंद कर दिया है।
ऐसे में महत्वपूर्ण डेटा की कमी के कारण अब जहरीली हवा से लड़ना भी बहुत मुश्किल हो गया है। जहरीली हवा के खिलाफ लड़ना तो अभी हवा में तीर चलाने के जैसा हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि स्रोतों पर डेटा प्रदूषण के खिलाफ रणनीति तैयार करने और सार्वजनिक जागरूकता पैदा करने में महत्वपूर्ण है। दिल्ली सरकार और नौकरशाही के बीच लड़ाई के कारण आईआईटी-कानपुर की तरफ से रियल टाइम सोर्स डिविजन स्टडी भी 18 अक्टूबर से रुकी हुई है। इस तरह महत्वपूर्ण डेटा की यह कमी वायु प्रदूषण से प्रभावी ढंग से निपटने के प्रयासों को बाधित कर रही है।
#WATCH दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 249 'खराब' श्रेणी में दर्ज़ किया गया है। वीडियो कर्तव्य पथ, इंडिया गेट और लोधी रोड से है। pic.twitter.com/ShztdITSct
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 27, 2023
वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) और डिसिजन सपोर्ट सिस्टम ने तो इस महीने की शुरुआत से ही वायु प्रदूषण से जुड़ा डेटा ही देना बंद कर दिया है। SAFAR की वेबसाइट ने 11 और 12 अक्टूबर को दिल्ली के PM2.5 और आग की गणना में पराली जलाने का योगदान दिया था। लेकिन 13 अक्टूबर से इसे बंद कर दिया।वहीं डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) ने मंगलवार से यह जानकारी देना बंद कर दिया।
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दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ सरकार ने अभियान छेड़ा है और गुरुवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुलाब का फूल देकर वाहन चालकों को सिग्नल पर वाहन बंद करने का अभियान शुरू किया गया है।
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