रोहतक। पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. एच.के. अग्रवाल ने मरीजों के परिजनों के लिए रोगी परिचारक प्रतीक्षा केंद्र एवं बाल सदन का मंगलवार को उद्घाटन करके प्रदेश की जनता व कर्मचारियों को एक बहुत बड़ी सौगात प्रदान की है। निदेशक डाॅ.एस.के. सिंघल ने इस अवसर पर ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर कुलपति डाॅ.एच.के.अग्रवाल व सभी कर्मचारियों को बधाई दी।
इस अवसर पर उपस्थित चिकित्सकों व कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कुलपति डाॅ.एच.के. अग्रवाल ने कहा कि संस्थान के कर्मचारी चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े होने के चलते अपना ज्यादातर समय अस्पताल में व्यतीत करते हैं और आजकल पति व पत्नी दोनों नौकरी में होने के चलते कर्मचारियों के सामने घर पर बच्चों को संभालने की काफी परेशानी आ रही थी। ऐसे में कर्मचारियों को कार्यस्थल पर अच्छा वातावरण उपलब्ध करवाने के लिए यह सुविधा शुरू की गई है। संस्थान में नर्सिंग क्षेत्र में अधिकतर महिलाएं होने के चलते अब वें अपने बच्चों को यहां नौकरी के समय में देखभाल के लिए छोड़ कर अपने कार्य को अधिक लग्न के साथ कर सकती हैं। डाॅ.एच.के. अग्रवाल ने बताया कि शुरुआत में इसका समय सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक रखा गया है। बच्चों के स्वास्थ्य को मद्देनजर रखते हुए सभी चार कमरों में गर्म व ठंडी हवा देने वाले एसी लगवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि कमरों के बाहर बहुत अच्छा पार्क भी स्थापित कराया गया है।
रात को रूकने में परेशानी होगी
डाॅ.एच.के. अग्रवाल ने बताया कि मरीजों के परिजनों को दिन में बैठने और रात में रुकने के लिए 57.56 लाख की लागत से 2143 स्क्वायर मीटर में रोगी परिचारक प्रतीक्षा केंद्र का भी उद्घाटन किया गया है ताकि उन्हें रात को रूकने में कोई परेशानी नहीं आए।
चिकित्सा अधीक्षक डाॅ.कुंदन मित्तल ने कहा कि आज यह बाल सदन शुरू करके कुलपति डाॅ.एच.के. अग्रवाल ने सालों से चली आ रही सैकड़ों कर्मचारियों की जरूरी मांग को पूरा करके उन्हें नववर्ष पर एक तोहफा दिया है, जिसके लिए वें उनका धन्यवाद व्यक्त करते हैं। बाल सदन में में एक टीचर, 2 केयर टेकर व 1 स्वीपर जिला बाल कल्याण परिषद रोहतक द्वारा रखा गया है। इस अवसर पर डीन डाॅ. कुलदीप लालर, डीन छात्र कल्याण डाॅ.एम.जी. वशिष्ठ, नर्सिंग सुपरीडेंट सुदेश, डीएमएस डाॅ. महेश माहला, संपदा अधिकारी ईआर दुष्यंत,एक्सईएन पीडब्ल्यूडी विजय दलाल, डीसीडब्लूओ सोमदत्त सहित कई अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
एएनएस हनीप्रभा ने करवाया बेटे का पहला रजिस्ट्रेशन
पीजीआईएमएस की एएनएस हनीप्रभा ने बताया कि उनके पति रितूराज भी नौकरी करते हैं तो ऐसे में उन्हें अपने बेटे को किसी के पास छोडना पडता था, ऐसे में इस बाल सदन के शुरू होने पर उन्होंने अपने बेटे ग्रंथ का रजिस्ट्रेशन सबसे पहले करवाया है ताकि वें चिंता मुक्त मुक्त होकर अपनी ड्यूटी कर सकें।