सुप्रीम कोर्ट ने विपक्षी दलों की मांग वाली वीवीपैट मिलान वाली याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में ईवीएम और वीवीपैट (EVM VVPAT Controversy) के शत प्रतिशत मिलान को लेकर याचिका दायर की गई थी, जिस पर लंबी सुनवाई के बाद आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना दिया है।इसी के साथ कोर्ट ने बैलेट पेपर से चुनाव की मांग भी खारिज की।
एसोसिएशन फार डेमेक्रेटिक रिफार्मस (एडीआर) संस्था और कुछ अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल कर वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम से 100 प्रतिशत मिलान की मांग की थी।जिसके बाद कोर्ट ने 18 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था लेकिन चुनाव आयोग से उसने बीते बुधवार को कुछ सवाल पूछे थे, जिसके बाद अब आज कोर्ट इस याचिका पर अपना अहम फैसला सुनाया है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने मामले में दो फैसले सुनाए। पहला यह है कि सिंबल लोडिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद सिंबल लोडिंग यूनिट (एसएलयू) को सील कर दिया जाना चाहिए और उन्हें कम से कम 45 दिनों के लिए सहेज कर रखा जाना चाहिए। इसके अलावा दूसरा निर्देश यह है कि उम्मीदवारों के पास परिणामों के एलान के बाद इंजीनियरों की एक टीम की ओर से जांचे जाने वाले ईवीएम के माइक्रोकंट्रोलर प्रोग्राम को पाने का विकल्प होगा। इसके लिए उम्मीदवार को नतीजों के एलान के सात दिनों के अंदर आवेदन करना होगा। इसका खर्च भी उम्मीदवार को खुद को उठाना होगा।
इससे पहले बुधवार को शीर्ष कोर्ट ने इस मामले को फिर से सूचीबद्ध किया था। जिसमे चुनाव आयोग ने पीठ के समक्ष कहा था कि ईवीएम और वीवीपैट में किसी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है। जिसके बाद पीठ ने कहा कि सिर्फ संदेह के आधार पर कोर्ट ईवीएम के बारे में आदेश नहीं दे सकता है.और न ही इसका कोई ठोस सबूत भी नहीं है।