हरियाणा। हरियाणा में HCMS की हड़ताल के चलते स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेशभर के सभी डॉक्टरों की छुट्टियों को रद्द करने के आदेश जारी कर दिए है। विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों ने इमरजेंसी सेवाओं को चालू रखने का आश्वासन दिया है। हड़ताल को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य के किसी भी सरकारी स्वास्थ्य संस्थान, अस्पताल में आने वाले मरीजों को पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जाएगी।
एनएचएम व डीएनबी डॉक्टरों को फील्ड में उतारा
हरियाणा सरकार ने हड़ताल से निपटने के लिए तीन हजार डॉक्टरों को राज्य के विभिन्न अस्पतालों में तैनात किया है। इनमें सलाहकार, वरिष्ठ सलाहकार, एनएचएम डॉक्टर, डीएनबी डॉक्टर, मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सा अधिकारी और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी शामिल हैं। साथ ही इन डॉक्टरों की हड़ताल रहने तक छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। वहीँ आज हरियाणा के नागरिक अस्पतालों में आज आम दिनों की तरह डॉक्टर ड्यूटी देंगे।
स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों और हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के पदाधिकारियों में हुई बैठक में डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल को 2 दिन तक टालने पर सहमति जताई। एचसीएमएस पदाधिकारियों ने तुरंत प्रभाव से डयूटी जॉइन करने की बात कही। अब 1 जनवरी को एसोसिएशन की मांगों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री विज के साथ बैठक होगी।
देर रात तक चली डीजी हेल्थ के साथ में बैठक
शुक्रवार देर रात तक चली इस बैठक में हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य सेवाएं विभाग के महानिदेशक डॉ. रणदीप सिंह पूनिया, डॉ. जेएस. पुनिया, डीजीएचएस, डॉ. मनीष बंसल डीएचएस ने कल शाम एचसीएमएस एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, जिसमें राज्य अध्यक्ष डॉ. राजेश कुमार, मीडिया समन्वयक डॉ. अमरजीत और जिला अध्यक्ष डॉ. मंदीप शामिल थे। राज्य महासचिव डॉ. अनिल यादव भी व्हाट्सएप कॉल पर शामिल हुए, जिसमें एसोसिएशन की सभी मांगों पर चर्चा की गई।
दो मांगों का प्रस्ताव भेजा जा चुका
बैठक में पीजी बॉन्ड राशि के संबंध में डीजीएचएस द्वारा बताया गया कि बैंक गारंटी की शर्त को हटाने के साथ बांड राशि को कम करने का प्रस्ताव एसीएस (एच) कार्यालय को भेजा गया है। इसके बदले में पोस्टडेटेड चेक स्वीकार करने का प्रस्ताव पहले से ही सरकार के विचाराधीन है। दूसरा एसएमओ की सीधी भर्ती के संबंध में बैठक में बताया गया कि नियम संशोधन के लिए स्वास्थ्य मंत्री द्वारा एमओएम दिनांक 20 अक्टूबर 2015 और नोट दिनांक 30 जून 2021 के अनुसार एसएमओ की सीधी भर्ती को रोकने के लिए एक फाइल को अगले 10 दिनों के भीतर अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।
एसीपी पर भी हुई चर्चा
एसीपी के बारे में बैठक में बताया गया कि मामला अभी भी एसीएस (वित्त) के पास लंबित है, इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सोमवार 01 जनवरी 2024 को स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में एसीएस (स्वास्थ्य) और एसीएस (वित्त) के साथ एक बैठक होगी। स्पेशलिस्ट काडर के बारे में बताया गया कि विशेषज्ञ कैडर से संबंधित फाइल को मंजूरी दे दी गई है और आगे की प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री द्वारा एसीएस (स्वास्थ्य) कार्यालय को वापस भेज दिया गया है। सोमवार 01.01.2024 को होने वाली बैठक में सेवारत विशेषज्ञों की वरिष्ठता के मुद्दे पर भी चर्चा की जायेगी।
विशेषज्ञ कैडर को पहले ही मिल चुकी मंजूरी
एसोसिएशन के पदाधिकारियों को बैठक में बताया कि विशेषज्ञ कैडर को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। वर्तमान में सीधे एसएमओ की कोई भर्ती नहीं की जा रही, बल्कि 100 चिकित्सा अधिकारियों को एसएमओ के रूप में पदोन्नत किया जाएगा, जिसके लिए मामला प्रक्रियाधीन है। वेतन संशोधन और पीजी नीति में संशोधन भी सरकार के पास विचाराधीन है तथा एसोसिएशन की मांगों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर निपटाया जा रहा है।
विज ने दिया आश्वासन
इधर, स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन देते हुए बताया कि सोमवार 1 जनवरी को वे वित्त विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिवों के साथ एचसीएमएस एसोसिएशन की मांगों को लेकर बैठक करेंगें। उन्होंने कहा कि डाक्टर अपनी डयूटी जॉइन कर लें और उनकी सभी लंबित मांगों को वे एक निश्चित समय सीमा पर हल करने का प्रयास करेंगें। इस पर एचसीएमएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने तुरंत प्रभाव से डयूटी जॉइन करने की सहमति दी।