Viral News : ओम पुरी का बचपन संघर्षों से भरा रहा। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि वह सिर्फ पांच साल की उम्र में रेलवे पटरियों से कोयला बीनकर घर चलाने में मदद करते थे। सात साल की उम्र में उन्होंने चाय की दुकान पर ग्लास धोने का काम किया। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें एक्टिंग के क्षेत्र में कदम रखने का साहस दिया।
करियर की शुरुआत
ओम पुरी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत मराठी फिल्म ‘घासीराम कोतवाल’ से की। इसके बाद उन्होंने 1980 में बॉलीवुड फिल्म ‘आक्रोश’ से बड़े पर्दे पर कदम रखा। उनकी फिल्में जैसे ‘आरोहण,’ ‘अर्द्ध सत्य,’ और ‘जाने भी दो यारों’ आज भी याद की जाती हैं। उन्होंने न केवल गंभीर किरदारों में अपनी छाप छोड़ी, बल्कि ‘चाची 420,’ ‘हेरा फेरी,’ और ‘मालामाल वीकली’ जैसी हल्की-फुल्की फिल्मों में भी दर्शकों का मनोरंजन किया।
अजय देवगन और करिश्मा कपूर के साथ काम
1998 में अजय देवगन के साथ फिल्म ‘प्यार तो होना ही था’ और 2000 में करिश्मा कपूर के साथ ‘दुल्हन हम ले जाएंगे’ में उन्होंने अपनी बहुमुखी अभिनय क्षमता का प्रदर्शन किया। इन फिल्मों ने उनकी लोकप्रियता को और बढ़ाया।
रेखा के साथ विवादित सीन
ओम पुरी की 1997 में आई फिल्म ‘आस्था’ ने काफी विवाद खड़े किए। इस फिल्म में उन्होंने रेखा के साथ कई बोल्ड सीन्स दिए, जो उस समय काफी चर्चा में रहे। हालांकि, उनके अभिनय की गहराई और किरदार में डूबने की कला ने उन्हें इन विवादों से ऊपर रखा।
हॉलीवुड और अन्य भाषाओं में योगदान
ओम पुरी ने केवल हिंदी सिनेमा तक खुद को सीमित नहीं रखा। उन्होंने अंग्रेजी, गुजराती, कन्नड़, और मराठी फिल्मों में भी काम किया। हॉलीवुड में उनकी फिल्में जैसे ‘सिटी ऑफ जॉय’ और ‘ईस्ट इज ईस्ट’ ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान बनाई।
व्यक्तिगत जीवन और विरासत
ओम पुरी की निजी जिंदगी विवादों से भरी रही, लेकिन उनके काम ने हमेशा उन्हें दर्शकों के दिलों में बनाए रखा। उनका संघर्ष और उनकी सफलता की कहानी आज भी प्रेरणा देती है। उन्होंने दिखाया कि साधारण पृष्ठभूमि से आने के बावजूद, कड़ी मेहनत और प्रतिभा के दम पर बड़ी ऊंचाइयां हासिल की जा सकती हैं।
उनकी दमदार आवाज और शानदार अभिनय को उनके प्रशंसक कभी नहीं भूल सकते। ओम पुरी हमेशा भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक अद्वितीय स्थान पर रहेंगे