Sunday, May 19, 2024
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संसद में सुरक्षा की चूक के मामले पर सदन में हंगामा, 15 सांसद निलंबित

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नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र का आज 11वां दिन है। आज शीतकालीन सत्र में संसद परिसर में हुई बुधवार को हुई चूक को लेकर विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया। संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार से जवाब मांगा। इसी दौरान हुए हंगामे में आसन की अवमानना करने आरोप में 15 सांसदों को निलंबित किया गया है। उन 15 सांसदों में 14 सांसद लोकसभा के हैं। जबकि एक सांसद राज्यसभा का है।

दोनों सदनों से 15 सांसद हुए निलंबित

लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर सरकार से जवाब की मांग करते हुए बृहस्पतिवार को भारी हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजकर करीब 10 मिनट पर तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामेदार रहे इस दिन में कुल 15 सांसदों को निलंबित किया गया। जिसमें 14 लोकसभा के और एक राज्यसभा से हैं। इन सभी सांसदों को आसन की अवमानना करने के मामले में सत्र की शेष अवधि के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया।

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे सदन की बैठक शुरू हुई तो विपक्षी सदस्य पहले की तरह ही अपने स्थान पर खड़े होकर बुधवार की घटना को लेकर हंगामा करने लगे। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हम सब सहमत हैं कि कल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना लोकसभा सदस्यों की सुरक्षा में गंभीर चूक थी। उन्होंने कहा कि इस मामले में लोकसभा अध्यक्ष के निर्देश पर उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी गई है। जोशी ने कहा कि इस मुद्दे पर किसी भी सदस्य से राजनीति की अपेक्षा नहीं की जाती, हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करना होगा।

उन्होंने कहा कि संसद में सुरक्षा में चूक की इस तरह की घटनाएं पहले भी होती रही हैं और उस समय के लोकसभा अध्यक्षों के निर्देशानुसार मुद्दों पर कार्रवाई की जाती रही है। संसदीय कार्य मंत्री ने शोर-शराबा कर रहे विपक्षी सदस्यों से कार्यवाही आगे बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने आसन की अवमानना करने को लेकर कांग्रेस सदस्यों टी एन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस को चालू सत्र की शेष अवधि के निलंबित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकृति दे दी। इसके बाद पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब ने कार्यवाही दोपहर तीन बजे तक स्थगित कर दी।

सुबह 11 बजे शुरू हुई थी बैठक

इससे पहले सुबह 11 बजे जब सदन की बैठक शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने ‘गृहमंत्री इस्तीफा दो’ के नारे लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से हंगामा न करने का अनुरोध करते हुए कहा कि संसद परिसर की सुरक्षा लोकसभा सचिवालय की जिम्मेदारी है।उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संसद की सुरक्षा सरकार का नहीं, बल्कि ‘‘हमारा अधिकार क्षेत्र’’ है।

संसद की सुरक्षा का सरकार से कुछ लेना देना नहीं

बिरला ने कहा कि कल जो घटना घटी है उसे लेकर हम सब चिंतित हैं और संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी लोकसभा सचिवालय की होती है… हमने संसद की सुरक्षा के मसले पर कल चर्चा की थी और आगे फिर चर्चा करेंगे। सुरक्षा की सारी जिम्मेदारी लोकसभा सचिवालय की है। उन्होंने कहा कि संसद की सुरक्षा से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि गलत परिपाटी मत डालिए। पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं। भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसे लेकर फिर चर्चा करेंगे।

राजनाथ सिंह ने की सुरक्षा में चूक की निंदा

हंगामे के बीच सदन के उपनेता एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सभी को सुरक्षा चूक के मामले की निंदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें सावधान रहने की जरूरत है..केवल सत्तापक्ष ही नहीं बल्कि विपक्ष के सदस्यों को भी ध्यान रखना चाहिए कि अराजकता पैदा करने वालों को ‘पास’ न मिले। सिंह ने कहा कि पुराने संसद भवन में भी कागज फेंकने और दीर्घाओं से कूदने की घटनाएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि सदन में हंगामे की स्थिति पैदा करने की कोई जरूरत नहीं है।

हंगामे भरा रहा दिन

रक्षा मंत्री के बयान के बावजूद सदन में हंगामा जारी रहा और अध्यक्ष ने नारेबाजी के बीच ही प्रश्नकाल शुरू करवाया। लगभग 15 मिनट तक चले प्रश्नकाल के दौरान सरकार से कम से कम दो पूरक प्रश्न पूछे गए और संबंधित मंत्रियों ने उनका जवाब दिया। हंगामा नहीं थमने पर बिरला ने करीब 11 बजकर 15 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। संसद पर 2001 में हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर बुधवार को एक बड़ी सुरक्षा चूक की घटना में दो व्यक्ति- सागर शर्मा और मनोरंजन डी. शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए। उन्होंने ‘केन’ से पीली गैस भी छोड़ी। बाद में सांसदों ने उन्हें काबू में किया।

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