रोहतक। एमडीयू में आज उस समय हंगामा हो गया जब बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यसभा दीपेंद्र सिंह हुड्डा पहुंचने थे, लेकिन उनके कार्यक्रम पर रोक लगा दी। एमडीयू प्रशासन ने आचार संहिता का हवाला देते हुए विश्वविद्यालय परिसर में कार्यक्रम करने से इनकार कर दिया। इसके बाद सीवाईएसएस व एनएसयूआई के कार्यकर्ता बिफर गए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
इसके बाद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार पर निशाना साधा। साथ ही कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है और सरकार के इशारे पर इस तरह कार्यक्रम पर अचानक रोक लगाई गई है। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि एमडीयू में पांच संगठनों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें महर्षि वाल्मीकि छात्र सभा, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर छात्र संगठन, एकलव्य छात्र मोर्चा, NSUI व CYSS शामिल थे। कार्यक्रम को लेकर अनुमति भी ली गई थी।
मामले के अनुसार रोहतक एमडीयू में संविधान जानो विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसके लिए कुछ विद्यार्थियों ने एमडीयू प्रशासन से विधि विभाग के पास अंबेडकर हॉल में कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति ली थी। मंगलवार को जब कार्यक्रम शुरू हुआ तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने आचार संहिता का हवाला देते हुए राजनीति कार्यक्रम नहीं करने की बात कही। इससे एनएसयूआई व सीवाईएसएस के सदस्य पेपर पड़े और नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद सभी अंबेडकर हॉल से नारेबाजी करते हुए एमडीयू के गेट नंबर 2 पर पहुंचे और यहां विरोध प्रदर्शन किया। सांसद दीपेंद्र हुड्डा गेट नंबर 2 पर पहुंचे। यहां डॉक्टर अंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी के दिल्ली एमएलए वीरेंद्र कादयान, डीयू का पूर्व अध्यक्ष अरुण हुड्डा सुमित अनेक लोग मौके पर पहुंचे। यह सभी कार्यक्रम नहीं होने के चलते वापस लौट गए। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा के लोग चाहते हैं, टकराव की स्थिति पैदा हो। इसके लिए बार-बार हमें उकसाने का प्रयास किया जा रहा है। चार दिन पहले गांधी कैंप में भी निगम कर्मचारियों ने कार्यक्रम के दौरान ही पार्टी के झंडे व लड़ियां उतारे थे। अब एमडीयू परिसर में अनुमति देने के बाद कार्यक्रम रद कर दिया गया है। यह गैर लोकतांत्रिक रवैया है। लोकतंत्र बना रहना चाहिए।
सांसद ने दो टूक कहा कि सरकारें आती जाती रहती हैं। कार्यक्रम रद करने वाले अधिकारी जान लें, कल सरकार बदलती है तो जवाब देना पड़ सकता है। एमडीयू में छात्र संगठनों ने कार्यक्रम रखा था। इसमें वाल्मीकि छात्र महासभा, एकलव्य छात्र संगठन, अंबेडकर छात्र मोर्चा, एनएसयूआई, सीवाईएसएस शामिल हैं। विद्यार्थियों ने कार्यक्रम की अनुमति भी ली थी। इसके बावजूद कार्यक्रम से ठीक पहले इसे रद कर दिया गया। यह अधिकारों पर चोट है। यह अधिकारों को छीनने का काम है। यह रोहतक के हर नागरिक का अधिकार छिना है। इससे हमारे हौसले पस्त नहीं होंगे। सरकार कारण बताए अनुमति रद क्यों की। इसके बावजूद हमने शांति बनाए रखी। टकराव की स्थिति से बचाव जरूरी है। इसलिए कार्यकर्ताओं से भी शांतिपूर्वक कार्यक्रम करने की अपील की।
उन्होंने कहा कि चुनावी बिगुल छिड़ चुका है। ऐसे में कोई भी जनता के बीच जा कर अपनी बात रख सकता है। क्या हम अपनी बात नहीं कह सकते ? ये तानाशाही लोग हैं। भाजपा संविधान में विश्वास नहीं रखती। इसीलिए भाजपा विधायकों व नेताओं का विरोध हो रहा है। इस पर भी हमने लोगों से अपील की है कि अपनी नाराजगी इस तरह नहीं, वोट की चोट से जतानी है। स्वतंत्रता से अपनी बात रखें। बाबा साहेब ने हमें यह अधिकार दिया है। इस मौके पर विधायक भारत भूषण बतरा भी मौजूद रहे।