रोहतक। बिना मान्यता के चल रहे निजी स्कूल अब बच्चों का दाखिला नहीं कर सकेंगे। एक अप्रैल से बच्चों के दाखिले करने वाले ऐसे स्कूलों के ऊपर गाज गिरने वाली है। सभी अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए केवल मान्यता प्राप्त विद्यालयों में ही दाखिला करवाएं। बिना मान्यता वाले विद्यालयों में दाखिला करवाने से बच्चों का भविष्य अंधकार मय हो सकता है। उक्त शब्द खंड शिक्षा अधिकारी ने अभिभावकों से अपील करते हुए कहे। इस दौरान उन्होंने निजी स्कूल संचालकों को भी चेतावनी देते हुए कहा कि जिन विद्यालयों के पास शिक्षा विभाग की मान्यता नहीं है वह विद्यालय छात्रों का प्रवेश न करें। अगर ऐसा कोई मामला पाया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्कूलों को चिह्नित कर सार्वजनिक की जाएगी सूची
हरियाणा शिक्षा निदेशालय ने इसकी जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारियों को सौंपी है। जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को इस बाबत पत्र लिखकर व सार्वजनिक रूप से इसकी जानकारी आम आदमी तक पहुंचाने को कहा है। निदेशालय ने सख्त निर्देश दिए हैं कि बिना मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में अगले शैक्षणिक सत्र एक अप्रैल से बच्चों के दाखिला नहीं कराने के प्रति अभिभावकों को सचेत करें। इतना ही नहीं बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची सार्वजनिक किए जाने के साथ-साथ उन स्कूलों में दाखिला संबंधी गतिविधियों पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
जिला शिक्षा अधिकारी कराएंगे फिजिकल वेरिफिकेशन
बताते चलें कि प्रदेशभर में चल रहे बिना मान्यता के स्कूलों के मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने याचिका की सुनवाई के बाद सरकार को स्कूलों के संबंध में हलफनामा देकर स्थिति स्पष्ट किए जाने के आदेश दिए थे। वहीं शिक्षा निदेशालय ने भी अब सभी जिला वार शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी कर बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों की सूची सार्वजनिक किए जाने और इनके अंदर नए सत्र से बच्चों के दाखिले नहीं होने देने की बात कही है। इस बाबत खंड शिक्षा अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर ही बिना मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की अब जिला शिक्षा अधिकारी फिजिकल वेरिफिकेशन कराएंगे और फिर उन स्कूलों को चिह्नित कर उनकी सूची को सार्वजनिक कर उन्हें स्कूल बंद करने का नोटिस देंगे। साथ ही अभिभावकों को इन स्कूलों के अंदर दाखिला नहीं कराने के प्रति जागरूक करेंगे।
एक मान्यता पर दूसरे गांव में नहीं चला सकते ब्रांच
शिक्षा विभाग के नियमों की अवहेलना करने वाले मान्यता प्राप्त स्कूलों पर भी विभाग की टेढ़ी नजर है। कई मान्यता प्राप्त स्कूल चंद रुपयों के लालच में अपना नाम अलग गांव में चल रहे गैर मान्यता प्राप्त स्कूल को बेच रहे हैं। नियमों के अनुसार एक स्कूल जिसे जिस गांव या शहर की मान्यता मिली हुई है सिर्फ उसी स्थान पर ही स्कूल चला सकता है। दूसरे गांव में ब्रांच खोलने पर उसे शिक्षा विभाग से नए सिरे से मान्यता लेनी पड़ती है।
बच्चों के भविष्य से खिलवाड़
कलानौर खंड शिक्षा अधिकारी सुनीता चहल ने कहा कि विभाग द्वारा भेजे गए पत्र के आधार पर सभी क्लस्टर पर टीम बना दी गई है। सभी टीम के सदस्य अपने क्लस्टर में स्कूलों की जांच करेंगे और चल रहे गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद किए जाने का नोटिस देंगे साथ ही एक अप्रैल से बच्चों को दाखिला न करने के लिए भी सख्त कदम उठाएंगे। उन्होंने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि वह अपने बच्चों का गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों व प्ले स्कूलों में दाखिला न कराएं। क्योंकि इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भविष्य में किसी भी मान्यता प्राप्त एवं सरकारी स्कूलों में दाखिला नहीं मिल पाएगा। इससे बच्चों का भविष्य, पैसे और समय की बर्बादी होगी। उन्होंने बताया कि काफी स्कूल ऐसे है जिनके पास छोटी कक्षा की मान्यता है, लेकिन वो बड़ी कक्षाओं के दाखिले कर रहे है। इससे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है।