विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की ओर से एक बड़ा ऐलान किया गया है। यूजीसी की ओर से लिए गए इस फैसले के बाद अब छात्राओं का निजी डाटाबेस सार्वजनिक नहीं होगा। यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि छात्रों की डिग्री और सर्टिफिकेट पर आधार कार्ड नंबर प्रिंट ना करें। इस फैसले को लेकर सचिव प्रो. मनिष र. जोशी ने विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा है। मामले को लेकर यूजीसी की ओर से आधिकारिक वेबसाइट ugc.gov.in पर एक नोटिस जारी किया गया है।
UGC ने किया ये दावा
यूजीसी ने दावा किया कि कुछ राज्य सरकारें विश्वविद्यालयों की ओर से दिए गए प्रोविजनल डिग्री और अन्य प्रमाणपत्रों पर विश्वविद्यालय के छात्रों की पूरी आधार संख्या लिखने पर विचार कर रहे हैं। प्रो. मनिष र. जोशी ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय छात्रों को जारी की जाने वाली डिग्री और प्रमाणपत्रों पर आधार कार्ड नंबर प्रिंट ना करें।
https://twitter.com/ugc_india/status/1697648061609128145?s=20
स्टूडेंट्स के निजी डेटाबेस को सार्वजनिक करना स्वीकार्य नहीं है। यूजीसी की ओर से कहा गया है कि सभी विश्वविद्यालयों को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की ओर से जारी नियमों का पालन करना चाहिए।
UGC Letter regarding display of Aadhaar number on provisional certificates and degrees issued by universities.
Read:https://t.co/jtxN2oDipB pic.twitter.com/TSK9ne8hdV
— UGC INDIA (@ugc_india) September 1, 2023
छात्र-छात्राओं का आधार कार्ड नंबर सार्वजनिक नहीं कर सकती संस्था
यूजीसी ने विनियम, 2016 के विनियम 6 के उप-विनियम (3) की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि विनियम में प्रावधान है कि आधार कार्ड नंबर रखने वाली कोई भी संस्था इसे सार्वजनिक नहीं कर सकेगी। आधार नंबर रखने वाली कोई भी इकाई किसी भी डेटाबेस या रिकॉर्ड को सार्वजनिक नहीं करेगी।
ये भी पढ़ें- पति ने गर्भवती महिला को निर्वस्त्र कर पूरे गांव में घुमाया