Tuesday, June 18, 2024
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हरियाणा में 372 पुलिसवालों के सस्पेंशन मामले में फंसा पेंच, SP ने DGP को लिखा ये पत्र

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गृह मंत्री अनिल विज इस मामले में कह चुके हैं कि मेरी जनता के प्रति जवाबदेही है, मेरे पास गृह विभाग है और लोगों को न्याय मिले, यह मेरा दायित्व भी है।

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चंडीगढ़। हरियाणा गृहमंत्री अनिल विज ने एक साल से ज्यादा समय तक पेडिंग मामलों को लंबित रखने वाले 372 आईओ के सस्पेंशन के आदेश दिए थे, जिसमें से करीब 100 को निलंबित किया जा चुका है। पुलिस के 272 जांच अधिकारियों पर अब जिलों के SP कार्रवाई नहीं चाहते। इस वजह से उन्होंने पुलिस महानिदेशक (DGP) शत्रुजीत कपूर को पत्र भी लिखा है। लेकिन ने DGP कपूर इस मामले की रिपोर्ट गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद को भेज चुके हैं। रिपोर्ट में IO के पेडिंग केसों के लंबित रहने के कारणों को दिया गया है। ACS लेवल पर रिपोर्ट की समीक्षा की जा चुकी है। इसके बाद वह अपनी टिप्पणी के साथ ही गृहमंत्री को फाइल सौंपेंगे।

पुलिस विभाग में यह रिपोर्ट काफी अहम मानी जा रही है। इसकी वजह यह है कि मामले से जुड़े 272 आईओ की सांसें भी अटकी हुई हैं। साथ ही जिलों के SP की ओर से अब और IO के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने की बात कही गई है। यदि और आईओ के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई होती है तो जिलों में जांच अधिकारियों की कमी हो जाएगी। गौरतलब है कि गृहमंत्री विज ने एक साल से ज्यादा समय तक मामलों को लंबित रखने वाले 372 आईओ के सस्पेंशन के आदेश दिए थे, जिसमें से करीब 100 को निलंबित किया जा चुका है।

कई जिलों के SP ने DGP से आग्रह किया था कि उनके पास पहले से ही आईओ की कमी है ऐसे में उन्हें निलंबित करने की कार्रवाई की गई तो पुलिस जांच का काम रुक सकता है। कई केस कानूनी पेंच के कारण अटके हुए हैं। ऐसे मामलों में सीधे तौर से आईओ को दोषी ठहराना ठीक नहीं है। पुलिस अधीक्षकों के आग्रह के बाद ही गत दिनों पुलिस मुखिया शत्रुजीत कपूर ने गृह मंत्री से आग्रह किया था कि वह जिलावार आईओ की रिपोर्ट तैयार कराएंगे, जिसमें तथ्यों को उनके समक्ष रखा जाएगा।

गृहमंत्री के रडार पर 13 जिलों के 372 जांच अधिकारी आए। जिन्होंने एक वर्ष से 3229 मुकदमों में कोई कार्रवाई नहीं की थी। इनमें डीएसपी स्तर के 9 अधिकारी भी शामिल हैं। इन जांच अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश से पहले पुलिस महानिदेशक के जरिए इनसे स्पष्टीकरण भी मांगा गया था, लेकिन संबंधित 372 जांच अधिकारियों का जवाब संतोषजनक नहीं था। जिसके बाद ही गृहमंत्री की ओर से इन जांच अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश दिए गए।

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज का इस पूरे मामले में कहना है कि 372 जांच अधिकारियों को निलंबित करने का निर्देश उन्होंने खुश होकर नहीं दिया था, बल्कि दुखी होकर इस कार्य को किया है। क्योंकि एक साल से वे लगातार सभी बैठकों में अधिकारियों को लम्बित मामलों के निपटान करने बारे बार-बार कह चुके हैं व आदेश भी दे चुके हैं। विज ने कहा कि उनके पास जैसे ही रिपोर्ट आएगी उसको पढ़कर उसके अनुसार ही कार्रवाई करेंगे। गृह मंत्री अनिल विज इस मामले में कह चुके हैं कि मेरी जनता के प्रति जवाबदेही है, मेरे पास गृह विभाग है और लोगों को न्याय मिले, यह मेरा दायित्व भी है।

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