Sunday, May 19, 2024
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मां वैष्णो देवी के भक्तों का खत्म हुआ इंतज़ार, प्राचीन गुफा के खुले कपाट 

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मां वैष्णो देवी की यात्रा करने वाले हजारों श्रद्धालुओं की यह हमेशा मनोकामना रहती है कि जीवन में चाहे एक बार ही सही पवित्र गुफा के भीतर से होकर मां वैष्णो देवी के दिव्य दर्शन प्राप्त हो।

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कटरा। मां वैष्णो देवी के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है। दरअसल, पवित्र मकर संक्रांति के मौके पर मां वैष्णो देवी की स्वर्ण जड़ीत प्राचीन व पवित्र गुफा के द्वार विधिवत पूजा अर्चना के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए है। जिसका साल भर श्रद्धालु बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। इसी के साथ दिव्य आरती पूजारियों के साथ ही प्रकांड पंडितों द्वारा विशेष पूजा अर्चना के साथ भी की गई। हालांकि श्रद्धालुओं को बहुत कम समय के लिए पुरानी गुफा के दर्शनों की अनुमति दी गई, जिसका साल भर श्रद्धालु बेसब्री से इंतजार करते हैं।

परिस्थितियों पर निर्भर

मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में विधिवत्त पूजा-अर्चना के दौरान सीईओ श्राइन बोर्ड अंशुल गर्ग सहित श्राइन बोर्ड के आला अधिकारी भी विशेष रूप से मौजूद थे, जिनके द्वारा विधिवत पूजा-अर्चना के साथ पुरानी गुफा के कपाट खोल दिए गए। पूजा अर्चना के उपरांत सर्वप्रथम मां वैष्णो देवी के मुख्य पुजारी अन्य पुजारी तथा पंडितों के साथ श्राइन बोर्ड अधिकारी आदि प्रवेश किया। बता दें देशभर से मां वैष्णो देवी के दर्शनों को आए श्रद्धालुओं को प्राचीन गुफा में प्रवेश का सौभाग्य मिल पाता है कि नहीं यह सब परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

गौरतलब है कि अगर भीड़ कम हुई तो गुफा प्रांगण में मौजूद सौभाग्यशाली श्रद्धालुओं को पवित्र गुफा के भीतर जाने की अनुमति दी जा सकती है। जिसको लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। पारंपरिक तौर पर हर वर्ष पवित्र मकर संक्रांति पर विधिवत पूजा अर्चना के उपरांत मां वैष्णो देवी की पवित्र व प्राचीन गुफा के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाते हैं। चूंकी साल भर श्रद्धालुओं की भीड़ निरंतर बनी रहती है जिसको लेकर साल भर श्रद्धालुओं को इस पवित्र गुफा के भीतर जाने का सौभाग्य प्राप्त नहीं होता है।

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड

अलबत्ता फरवरी माह एकमात्र ऐसा महीना होता है जिसमें श्रद्धालुओं की भीड़ काफी कम रहती है। इसी महीने में पवित्र ब प्राचीन गुफा के भीतर जाने का सौभाग्य श्रद्धालुओं को मिलता है। वहीं, पवित्र मकर संक्रांति पर पवित्र व प्राचीन गुफा के द्वार खोलने को लेकर श्राइन बोर्ड द्वारा सभी तरह की तैयारी पहले से ही कर ली गई थीं। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड सीईओ अंशुल गर्ग ने बताया कि पारंपरिक तौर पर मकर संक्रांति पर स्वर्ण जड़ीत पवित्र व प्राचीन गुफा के द्वार पूजा अर्चना के उपरांत श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। उपस्थित श्रद्धालुओं को गुफा के भीतर जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

मां वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा का क्या है महत्व?

मां वैष्णो देवी की स्वर्ण जड़ीत पवित्र व प्राचीन गुफा से होकर मां वैष्णो देवी के दिव्य दर्शन पाना अलौकिक होने के साथ ही विशेष महत्व है। पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन गुफा के प्रवेश द्वार पर ही मां वैष्णो देवी ने बाबा भैरवनाथ का वध किया था। भैरवनाथ का मुख्य यानी कि सीर भैरव घाटी जाकर गिरा था, जबकि धड़ यानी कि शरीर शीला के रूप में प्राचीन गुफा के प्रवेश द्वार पर विराजमान है।

गुफा में 33 कोटि देवी देवता विराजमान

इस पवित्र गुफा में 33 कोटि देवी देवता विराजमान है तो दूसरी ओर कल कल बहती निर्मल गंगा। मां वैष्णो देवी का भक्तों को यह वरदान है कि जो भी भैरवनाथ के धड़ यानी कि शरीर जो शीला के रूप में विद्यमान शरीर के ऊपर से होकर पवित्र गुफा के भीतर से होकर मेरे दर्शन करेगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी और मेरी कृपा हमेशा बनी रहेगी। इसी को लेकर मां वैष्णो देवी की यात्रा करने वाले हजारों श्रद्धालुओं की यह हमेशा मनोकामना रहती है कि जीवन में चाहे एक बार ही सही पवित्र गुफा के भीतर से होकर मां वैष्णो देवी के दिव्य दर्शन प्राप्त हो।

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