जींद। खनौरी बॉर्डर पर जान गंवाने वाले युवा किसान शुभकरण सिंह का आज अंतिम संस्कार होगा। पंजाब पुलिस की ओर से एफआईआर दर्ज होने के बाद किसान और परिजन शुभकरण के अंतिम संस्कार के लिए तैयार हो गए हैं। इसी के चलते पहले हरियाणा-पजांब के दातासिंह वाला बॉर्डर पर शुभकरण का शव को गुरुवार सुबह लाया गया है। यहां मौजूद किसान नेताओं सहित सभी किसानों ने शुभकरण को श्रृद्वाजंलि अर्पित की। इस दौरान मौजूद किसानों ने किसान शुभकरण अमर रहे के नारे लगाए और सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी भी की। इस दौरान काफी संख्या में हरियाणा और पंजाब के किसान मौजूद रहे।
गौरतलब है कि खनौरी बॉर्डर पर पुलिस और किसानों के टकराव में शुभकरण को गोली सिर में गोली लगी थी और ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। उसके परिजनों ने तबतक अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था, जबतक इस मामले में एफआईआर दर्ज न की जाए। पंजाब पुलिस ने इस मामले में हत्या और अपराध के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है, जिसके बाद शुभकरण सिंह के अंतिम संस्कार के लिए परिवार और किसान संगठन राजी हो गए हैं। शुभकरण सिंह के पार्थिव शरीर को खनौरी बॉर्डर पर श्रद्धांजलि देने के लिए लाया गया है, उसके बाद वहीं से उनके गांव में अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। शुभकरण के शव का अंतिम संस्कार दोपहर दो बजे के बाद बठिंडा के बल्लो गांव में किया जाएगा। इसकी जानकारी किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने दी है।
पंढेर ने बताया, “शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आज आंदोलन का 17वां दिन है। हमें जानकारी मिली है कि शुभकरण की मौत के मामले में धारा 302 और 114 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। हम आज शुभकरण का शव खनौरी बॉर्डर पर श्रद्धांजलि के लिए रखेंगे और उसके बाद उसके गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा।” बता दें कि 21 फरवरी को किसानों के दिल्ली कूच की कॉल पर करीब 11.30 बजे पुलिस प्रशासन व किसानों के बीच टकराव हो गया था। जिसके चलते शुभकरण को गोली सिर में गोली लगी थी और ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
उसके बाद किसानों ने शुभकरण के शव का पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया था। किसानों ने कहा था कि पहले शुभकरण को न्याय मिलना चाहिए और गोली मारने वालों के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए, जिसके बाद वह शुभकरण का पोस्टमार्टम करवाऐंगे। इसके बाद शुभकरण के शव का पोस्टमार्टम बुधवार को हुआ जिसके बाद शुभकरण के शव को दातासिहं वाला बॉर्डर पर किसानों के बीच श्रृद्वाजंलि अर्पित करने के लिए लाया गया।
सरकार से क्या चाहते हैं किसान?
पंजाब के किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने, पुलिस के द्वारा दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने और 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘इंसाफ’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली और साल 2020-21 में हुए किसान आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।