Saturday, May 18, 2024
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हरियाणा के स्कूलों में फल-सब्जी उगाना सीखेंगे छात्र, शिक्षा विभाग ने जारी किया 8 लाख का बजट

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किचन गार्डन बनाने का उद्देश्य विद्यार्थियों को शुद्ध साग सब्जी उपलब्ध कराना है। स्कूलों में बनाए गए किचन गार्डन से विद्यालयों के छात्र स्कूल की क्यारियों में उगाई गई ताजी सब्जियां खाएंगे।

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रोहतक। हरियाणा के स्कूलों में बच्चे पढ़ाई के साथ साथ खेती के गुर भी सीखेंगे। स्कूलों की खाली पड़ी जमीन का सदुपयोग करने का अब सरकार ने मन बना लिया है। इसके तहत खाली जमीन पर किचन गार्डन बनाये जायेंगे जिस पर छात्र फल-सब्जी उगानी सीखेंगे। इसके तहत रोहतक जिले के 161 प्राइमरी और मिडल सरकारी स्कूलों का चयन किया गया है। इसके लिए शिक्षा विभाग की तरफ से 8 लाख 5 हजार रुपए का बजट जारी किया गया है।

स्कूलों के अंदर उगाई गई सब्जी और फलों का उपयोग सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील में किया जाएगा। इसके लिए प्रति स्कूल पांच हजार रुपए खर्च किए जाएंगे। विभाग की ओर से इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। आपको बता दें अभी सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक के करीब 42 हजार स्टूडेंट्स को मिड-डे मील में दोपहर का भोजन दिया जाता है। इनमें से 25 हजार स्टूडेंट्स प्राइमरी, जबकि 16 हजार स्टूडेंट्स अपर प्राइमरी के हैं।

इस योजना से शिक्षा विभाग को मिड-डे मील के लिए मंडी से सब्जियां नहीं लानी पड़ेंगी। किचन गार्डन की सब्जियों की गुणवत्ता भी बाहर की सब्जियों से कहीं ज्यादा होगी। आजकल सब्जियों और फलों पर अत्यधिक कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव होता है। किचन गार्डन की सब्जियों में ऐसा नहीं होगा। स्कूलों में किचन गार्डन की सुविधा होने से स्टूडेंट्स को शिक्षा के साथ कृषि संबंधी ज्ञान भी मिलेगा। इन किचन गार्डन में सब्जियों और फलों में बीमारियों की पहचान, मौसम की मार, खाद तथा उर्वरक का प्रयोग, समयानुसार सिंचाई सहित उनकी देखभाल आदि की जानकारी स्टूडेंट्स टीचर से ले सकेंगे।

रोहतक मौलिक शिक्षा अधिकारी दिलजीत सिंह के अनुसार किचन गार्डन बनाने का उद्देश्य विद्यार्थियों को शुद्ध साग सब्जी उपलब्ध कराना है। स्कूलों में बनाए गए किचन गार्डन से विद्यालयों के छात्र स्कूल की क्यारियों में उगाई गई ताजी सब्जियां खाएंगे। किचन गार्डन में पालक, टमाटर, भिंडी, बैंगन के साथ मौसमी सब्जियों की पैदावार की जाएगी।

इतना ही नहीं मिड-डे-मील योजना में यह भी तय किया गया है कि विद्यार्थियों को परोसे जाने वाले भोजन में डबल फोर्टिफाइड नमक तेल प्रयुक्त होना चाहिए। इससे बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। इससे भोजन में पर्याप्त मात्रा में माइक्रो-न्यूट्रिशियन्स की उपलब्धता सुनिश्चित हो जाएगी। ये नमक तेल बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहेगा।

शुरुआती दौर में ‘किचन गार्डन’ योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा। स्कूलों में किचन गार्डन योजना के माध्यम से बच्चों को पौधों के संबंध में जानने का मौका भी मिलेगा। अभी यह योजना उन्हीं स्कूलों में शुरू की जाएगी, जिनके पास भूमि उपलब्ध होगी। इसके बाद जिन स्कूलों के पास खाली भूमि है, वहां भी सब्जियां उगाई जाएंगी। स्कूलों में किचन गार्डन योजना के तहत बच्चों को सब्जियां व फल उगाने के प्रति जागरूक किया जाएगा।

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