Friday, May 3, 2024
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रोहतक में हादसों का कारण बन रहे आवारा गोवंश, दो सांडों की लड़ाई में रेहड़ी संचालक को लगी गंभीर चोटें

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रोहतक के सांपला में दो सांडों की लड़ाई एक रेहड़ी संचालक को भारी पड़ गई। एक गोवंश ने लड़ते हुए उसे जोरदार टक्कर मार दी। जिसके कारण उसकी रीढ़ की हड्‌डी टूट गई। इलाज के लिए उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे 6 महीने के बेड रेस्ट पर भेज दिया है।

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रोहतक। रोहतक में आवारा गोवंश हादसे का कारण बन रहे है। शहरों में घूम रहे बेसहारा पशुओं को पकडऩे का जिम्मा नगर निगम का है। लेकिन ये अधिकारी गहरी निद्रा में है। जिला निगम आयुक्त ने पदभार संभाला तो उम्मीद थी कि शहर का सुधार होगा। लेकिन हालत जस के तस हैं। अब इन बेसहारा गौवंश से किसानों के साथ-साथ शहरवासी भी परेशान हैं। यहां तक कि बाजारों में दुकानदार और सड़क चलते राहगीर भी दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं।

रोहतक के सांपला में दो सांडों की लड़ाई एक रेहड़ी संचालक को भारी पड़ गई। एक गोवंश ने लड़ते हुए उसे जोरदार टक्कर मार दी। जिसके कारण उसकी रीढ़ की हड्‌डी टूट गई। इलाज के लिए उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे 6 महीने के बेड रेस्ट पर भेज दिया है। डॉक्टरों ने चेतावनी भी दी कि अगर वह रेस्ट नहीं करेगा तो नुकसान बढ़ सकता है। घायल रेहड़ी लगाकर अपने परिजनों को पाल रहा है। चोट की वजह से वह काम नहीं कर पा रहा ऐसे में उसे परिवार का पेट भरने की चिंता सताने लगी है।

सांपला के वार्ड नंबर 9 निवासी सुरेश उर्फ पप्पू ने बताया कि वह बाजार में रेहड़ी लगाता है। जब वह सुबह रेहड़ी लगा रहा था तब दो सांड आपस में लड़ पड़े। बाजार वालों ने उन्हें भगाने का काफी प्रयास किया लेकिन वे काफी उग्र हो गए। तभी पीछे से एक सांड ने उसे पीछे से टक्कर मार दी। गोवंश की टक्कर के बाद वह नीचे गिर गया और इस दौरान फिर से गोवंश ने टक्कर मारनी शुरू कर दी। जिसके कारण उसे गंभीर चोटें आई। इस घटना के बाद आसपास के लोग भी एकत्रित हो गए। लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद सांडों को दूर किया और उसे बचाया।

इसके बाद सुरेश को घायल हालत में रोहतक पीजीआई में भर्ती करवाया गया जहां डॉक्टरों ने उसकी रीढ़ की हड्‌डी में फ्रैक्चर बताया। अब वह सीधा बैठ नहीं सकता इसी वजह से डॉक्टर ने 6 माह का बेड रेस्ट करने के लिए कहा है। रीढ़ की हड्‌डी में चोट की वजह से वह बेड से उठ भी नहीं सकता। सुरेश ने कहा कि वह गरीब व्यक्ति है और घर में अकेला कमाने वाला है। उस पर पहले से 5 लोगों के पोषण का भार है। अब वह भी बिस्तर पर है तो ऐसे में घर की रोटी कैसे चलेगी। प्रशासन की तरफ से भी उसे कोई सहायता नहीं मिली।

जिला प्रशासन दावा करता रहा है कि इन बेसहारा पशुओं को पकड़ा जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। रोहतक में बड़ी सख्या में आवारा गोवंश शहर की सड़कों और मंडियों के आसपास कूड़ा खाते दिख जाते हैं। नगर निगम कर्मियों का दावा है कि आवारा गोवंश को पकड़ने जाते हैं तो पशुपालक हमला कर देते हैं। कुछ समय पहले कुछ पशुओं को पकड़ा, लेकिन अब उतनी ही संख्या फिर हो गई। कुछ समय पहले जिला प्रशासन ने पशुओं को टैग लगाने के आदेश दिए थे, आज तक इस पर कोई अमल नहीं किया। अगर ऐसा ही चलता रहा तो लोग इसी तरह चोटिल होते रहेंगे या फिर जान से जाएंगे।

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