Saturday, May 18, 2024
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हरियाणा में खाकी पर कलंक, चालान के 3.25 करोड़ डकार गया हेड कांस्टेबल, पूछताछ में चौकाने वाला खुलासा

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डीएसपी के अनुसार आरोपित फर्जी रसीद पर फर्जी बैंक मुहर लगाकर इन्हें पुलिस रिकार्ड में चिपका देता था। 2021 के अगस्त में आरोपित का तबादला सीआरसी ब्रांच में हो गया। तभी से आरोपित सीआरसी ब्रांच में तैनात है।

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पलवल। हरियाणा में एक बार फिर खाकी पर कलंक लग गया है। पलवल जिले में तैनाती के दौरान एक हेड कांस्टेबल ने चालान के करीब सवा तीन करोड़ रुपये डकार लिए। चालान शाखा के तत्कालीन प्रभारी हेड कांस्टेबल जनक पर यह आरोप लगा है। रकम का जनवरी, 2020 से अगस्त, 2021 के बीच किया गया। पुलिस विभाग ने आडिट किया तो दो साल बाद फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ। कैंप थाना पुलिस ने जांच अधिकारी डीएसपी संदीप मोर की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर आरोपित हेड कांस्टेबल को गिरफ्तार कर लिया है।

यातायात डीएसपी संदीप मोर ने बताया कि 15 दिन पहले जिला पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह को सूचना मिली थी कि जिला पुलिस के चालान शाखा में मोटी रकम का गबन हुआ है। पुलिस अधीक्षक ने उन्हें इस मामले की जांच का जिम्मा सौंपा। उन्होंने अपनी जांच शुरू की तो पाया कि पुलिस की चालान शाखा में जनवरी, 2020 से अगस्त, 2021 के बीच करीब 3.23 करोड़ रुपये सरकारी खाते में जमा नहीं कराए गए हैं। यह गबन चालान शाखा के तत्कालीन प्रभारी हेड कांस्टेबल जनक ने किया है। आरोपित हेड कांस्टेबल को अदालत में पेश कर पांच दिन के रिमांड पर लिया गया है। उससे पूछताछ कर मामले की जांच की जा रही है।

आरोपित से मामले में अन्य लोगों की संलिप्तता के बारे में भी पता लगाया जा रहा है। चालान शाखा में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले लोग प्रतिदिन जुर्माने का भुगतान करने आते हैं। जुर्माने की राशि को एसबीआई में जिला पुलिस अधीक्षक के खाते में जमा करवाना प्रभारी जनक के जिम्मे था। यह रकम प्रतिदिन जमा करानी होती थी। मगर आरोपित जनक रकम को 15 से 20 दिनों में जमा कराता था और चालान का बड़ा हिस्सा अपने पास रख लेता था। 18 महीनों में आरोपित ने अपने प्रभारी रहते करीब 30 लाख की रकम को ही एसबीआई बैंक के खाते में जमा कराया, जबकि तीन करोड़ 22 लाख 97 हजार 150 रुपये अपने पास रख लिए।

डीएसपी के अनुसार आरोपित फर्जी रसीद पर फर्जी बैंक मुहर लगाकर इन्हें पुलिस रिकार्ड में चिपका देता था। 2021 के अगस्त में आरोपित का तबादला सीआरसी ब्रांच में हो गया। तभी से आरोपित सीआरसी ब्रांच में तैनात है। डीएसपी के अनुसार आरोपित ने मार्च, 2020 के बाद कोरोना काल का फायदा उठाया और इस दौरान फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। उस वक्त ज्यादातर सरकारी दफ्तर बंद थे। इसी का फायदा आरोपित ने उठाया।

पुलिस ने मामले में ईएचसी ओमवीर के खिलाफ भी फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि ईएचसी ओमवीर ने चालान शाखा में अपनी तैनाती के दौरान 12 हजार 700 रुपये सरकारी बैंक खाता में जमा नहीं कराए और गबन किया। ओमवीर पर लगे आरोप पर पुलिस का कहना है कि ओमवीर ने एक बार तीन हजार रुपये ज्यादा भी जमा कराए हैं। इसलिए यह भी संभावना है कि ओमवीर ने गलतीवश 12 हजार 700 रुपये कम जमा कराए गए हों। गबन की रकम बहुत कम है, इसलिए इसकी संभावना ज्यादा है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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