भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) ने 26 मई को बरनाला में होने वाली लोक संग्राम रैली के लिए जुटने के लिए आज बरनाला के दाना मंडी में महिला कार्यकर्ताओं की एक राज्य बैठक की। आज के मंच की शुरुआत से पहले जन-समर्थक लेखक सरजीत पातर को दो मिनट का मौन रखा गया।
प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि पंजाब के मजदूर वर्ग, किसान, खेत मजदूर, छात्र, ठेका मजदूर, औद्योगिक मजदूर, शिक्षक, पूर्व सैनिक और बिजली कर्मचारी आदि करीब दो दर्जन संगठनों ने इस संयुक्त संग्राम रैली को आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने कहा कि इसकी तैयारी के लिए लामबंदी अभियान के दौरान शासक वर्ग के राजनीतिक दलों और देशी विदेशी शाही कॉरपोरेट घरानों के जनविरोधी और सामंतवाद समर्थक चरित्र को उजागर करते हुए जनता के वास्तविक मुद्दों को उठाया जाना चाहिए।
निर्दलीय समेत 30 उम्मीदवार चुनाव में आजमाएंगे किस्मत, जारी हुआ चुनाव चिह्न
इसके अलावा वोट पार्टियों से अच्छाई का मोह छोड़कर बड़ी आम और आम समस्याओं के लिए रास्ता निकालना चाहिए, क्योंकि संगठनों की आम राय के मुताबिक किसी भी वोट पार्टी के पास जनता के बुनियादी मुद्दे नहीं हैं जैसे बेरोज़गारी, गरीबी, महँगाई, कर्ज़, आत्महत्याएँ आदि। समस्याओं को हल करने के लिए कोई कार्यक्रम नहीं है और न ही कोई राजनीतिक इच्छाशक्ति है।
बल्कि ये सभी पार्टियां सामंतों, सूदखोरों, साम्राज्यवादियों और देशी विदेशी कॉरपोरेट घरानों के पक्ष में जनविरोधी नीतियां लागू करने वाली पार्टियां हैं। निजीकरण, उदारीकरण, वैश्वीकरण और व्यावसायीकरण की साम्राज्यवादी नीतियों को लोगों पर थोपने के लिए, लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने के लिए जबरदस्ती/काले कानून लागू करने जैसी देश विरोधी और जन विरोधी नीतियां लागू की जा रही हैं।