Thursday, April 3, 2025
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SKM की कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां से मुलाकात, यह की गई मांग

SKM संयुक्त किसान मोर्चा पंजाब में शामिल संगठनों के नेताओं की आज पंजाब भवन में कृषि मंत्री सरदार गुरमीत सिंह खुड्डियां और पंजाब सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। बैठक में केंद्र सरकार द्वारा भेजे गये कृषि बाजार नीति के प्रारूप पर चर्चा की गयी। ड्राफ्ट के बारे में सबसे पहले पंजाब सरकार के अधिकारियों ने जानकारी दी और बाद में सभी किसान नेताओं ने अपनी राय दी।

इस मसौदे के बारे में बोलते हुए सभी किसान नेताओं ने कहा कि यह राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति उन तीन काले कृषि कानूनों को चोर छेद से लागू करने की साजिश है जिसे हमने दिल्ली के ऐतिहासिक किसान आंदोलन के माध्यम से खारिज कर दिया था। इसलिए पंजाब सरकार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इस ड्राफ्ट पॉलिसी को सिरे से खारिज कर देना चाहिए। किसानों ने कहा कि अगर सरकार कहती है कि एपीएमसी कम हैं तो सरकार को एपीएमसी को मजबूत करना चाहिए, सरकारी क्षेत्र में और मंडियां खोलनी चाहिए और इन मंडियों में सुविधाएं बढ़ानी चाहिए।

सरकारी क्षेत्र में साइलो लगाने और साइलो में रखे अनाज को सरकारी मंडियों के माध्यम से खरीदने की मांग की गई। सारी बातचीत सुनने के बाद कृषि मंत्री सरदार गुरुमीत सिंह खुडियां किसानों से सहमत हुए। उन्होंने कहा कि वह मसौदे पर अधिक हितधारकों और विद्वानों से परामर्श करेंगे। कृषि मंत्री ने कहा कि उनका दृढ़ मत है कि इस नीति के लागू होने से पंजाब की मंडियां तबाह हो जाएंगी। उन्होंने किसान नेताओं को आश्वासन दिया कि पंजाब सरकार अपने किसानों के साथ खड़ी है।

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किसान नेताओं ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति के मसौदे को रद्द करने की लड़ाई सिर्फ पंजाब में ही नहीं बल्कि देश के सभी राज्यों में लड़ी जाएगी और इसके क्रियान्वयन को रोकने के लिए कड़ा विरोध किया जाएगा। इसके अलावा किसानों ने पंजाब सरकार द्वारा सभी फसलों पर एमएसपी के वादे को पूरा करने और गन्ने से संबंधित मांगें भी उठाईं, जिन पर कृषि मंत्री ने विचार करने का आश्वासन दिया।

अन्य लोगों के अलावा, जोगिंदर सिंह उगराहां, डॉ. दर्शन पाल, बलवीर सिंह राजेवाल, मनजीत सिंह धनेर, डॉ. सतनाम सिंह अजनाला, जंगवीर सिंह चौहान, प्रेम सिंह भंगू, बौघ सिंह मानसा, रुलदू सिंह मानसा, मुकेश चंद्र शर्मा, जगमोहन सिंह पटियाला मीटिंग में मलूक सिंह हीरके, निर्भय सिंह ढुडीके, बलकर्ण सिंह बराड़, नछत्तर सिंह जैतो मौजूद थे। रवनीत सिंह बराड़, बलविंदर सिंह राजू, सुख गिल मोगा, बूटा सिंह शादीपुर, कुलदीप सिंह बाजीदपुर, अंग्रेज सिंह भदौड़, राजिंदर सिंह दीप सिंह वाला और गुरमीत सिंह भट्टीवाल के अलावा अन्य किसान नेता मौजूद थे।

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