नई दिल्ली। राम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या में श्रीराम भक्तों को ‘सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर’ संजीवनी देगी। 10 जनवरी से स्वास्थ्य सेवाएं शुरू होगी। यह जानकारी पावन नगरी के दौरे पर आए सिक्स सिग्मा के सीईओ डॉ० प्रदीप भारद्वाज ने दी। उन के नेतृत्व में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर द्वारा सभी देश-विदेशों से पधारे तीर्थ श्रद्धालुओं, राम भक्तों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कराई जाएगी। इस विषय पर सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ० प्रदीप भारद्वाज व मेडिकल निदेशक डॉ० अनीता भारद्वाज ने कारसेवकपुरम स्थित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव और विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय से मुलाकात कर स्वास्थ्य सेवाओं को देने पर चर्चा की।
डॉ० प्रदीप भारद्वाज ने बताया कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर में 10 जनवरी, 2024 से स्थायी चिकित्सा सेवाएं स्थापित करने के लिए सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर, दिल्ली को आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा, राम के काज में सेवा का अवसर मिलने पर हम बहुत धन्य महसूस करते हैं। त्रेता युग में लंका युद्ध के दौरान जो कार्य हनुमान जी ने संजीवनी लाकर किया था, वहीं कार्य सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर भगवान श्रीराम के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर पधारे जरूरतमंद श्रद्धालुओं संजीवनी देकर करेगा। यह मेरा सौभाग्य है कि मैं अपने जीवनकाल में अयोध्या में इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनूंगा। यह सिक्स सिग्मा के लिए बहुत सम्मान की बात है, जिन्हें राष्ट्र के लिए ऐसी महान निःस्वार्थ सेवाओं को देने का अवसर मिला।
सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर देश के कठिन पर्वतीय क्षेत्रों में आयोजित होने वाली सभी धार्मिक यात्राओं में मेडिकल सर्विस देता है। उन प्रमुख यात्राओं में – श्री कैलाश मानसरोवर, श्री अमरनाथ, श्री बदरीनाथ, श्री केदारनाथ, श्री रुद्रनाथ, श्री मद्महेश्वर शामिल है। सनातन धर्म के गौरवशाली परम्परा के अनुसार होने वाली उक्त यात्राओं से जहां धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलता है वहीं संबंधित क्षेत्र में आर्थिक विकास भी होता है। उन्नति से देश-विदेश में ख्याति मिलती है और संस्कृति को विश्व पटल पर ले जाने का अवसर देती है।
मंदिर का डिजाइन चंद्रकांत सोमपुरा ने बनाया है। नागर शैली में बनाए जा रहे इस मंदिर का प्रवेश द्वार पूर्व की ओर बनाया गया है जो गोपुरम शैली में है। यह द्वार दक्षिण के मंदिरों का प्रतिनिधित्व करेगा। मंदिर की दीवारों पर भगवान श्रीराम के जीवन को दर्शाने वाली कलाकृतियां प्रदर्शित होंगी। मंदिर का गर्भगृह अष्टकोणीय आकार का है। गर्भ गृह को ऐसे डिजाइन किया गया है ताकि सूर्य की किरणें सीधे रामलला पर पड़ें।
बता दें कि भगवान श्रीराम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर देश-विदेश से पचास हजार साधु-संतों, सात हजार से अधिक विशिष्ट और अतिविशिष्ट अतिथियों के अतिरिक्त देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी भी आएंगे। कार्यक्रम में 2 करोड़ लोगों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।