रोहतक में सावन महीने के दूसरे सोमवार को शिवालियों में हर-हर महादेव के जयकारे गुंजते रहें। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने सुबह से ही जलाभिषेक शुरू कर दिया।
वहीं माता दरवाजा स्थित संकट मोचन मंदिर में ब्रह्मलीन गुरुमां साध्वी गायत्री जी के सानिध्य में सावन माह के दूसरे सोमवार को गद्दीनशीन साध्वी मानेश्वरी देवी जी ने भक्तों संग शिवलिंग पर श्रद्धा और उत्साह से जलाभिषेक और रद्राभिषेक किया। शिवभक्तों ने शिवलिंग पर कच्चा दूध, धतुरा, भांग, दही, बादाम, गंगाजल, तुलसी व बेल के पत्तों, फल-फ्रूट, फल चढ़ाकर पूजा की। शिवालय पर बम-बम भोले और हर-हर महादेव के स्वरों से गूंज उठा। उन्होंने महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर, विधि-विधानुसार शिवलिंग की पूजा अर्चना करके सुख-समृद्धि की कामनाएं की। कार्यक्रम में सावन माह में प्रतिदिन साध्वी मानेश्वरी देवी द्वारा प्रात: शिवलिंग पर जलाभिषेक और रुद्राभिषेक तथा सायं 4 से 6 बजे तक शिवपुराण कथा का आयोजन किया जाता है। तत्पश्चात साध्वी मानेश्वरी देवी के प्रवचन, कीर्तन और प्रसाद वितरित हुआ। यह जानकारी सचिव गुलशन भाटिया ने दी।
शिवलिंग की सबसे पहले पूजा भगवान ब्रह्मा व विष्णु ने की : साध्वी मानेश्वरी देवी
साध्वी मानेश्वरी देवी ने प्रवचन देते हुए बताया कि पौराणिक कथाओं अनुसार शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव मध्य रात्रि के समय लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। कहते हैं भगवान शिव की लिंग रूप में पूजा सबसे पहले भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु ने की थी। इसलिए ही शिवरात्रि पर्व का विशेष महत्व माना जाता है। कहते हैं जो व्यक्ति इस दिन शिवलिंग की विधि विधान उपासना करता है उस पर भोलेनाथ की विशेष कृपा सदैव बनी रहती है। उन्होंने बताया कि शिवरात्रि का दिन भगवान शिव की विशेष कृपा पाने के लिए सबसे खास माना जाता है। उनका कहना था कि जो व्यक्ति इस दिन पूरी श्रद्धा से व्रत-पूजन करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस दिन जलाभिषेक या रुद्राभिषेक करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। कांवड़ जल चढ़ाने के लिए भी शिवरात्रि का दिन सबसे उत्तम माना जाता है।साध्वी ने कहा कि सावन के महीने में भगवान शिव सहज पूजा अर्चना से प्रसन्न हो जाते हैं। श्रद्धापूर्वक जो कोई महामृत्युंजय मंत्र का प्रेम सहित जप करें तो अकाल मृत्यु का संकट अपने आप दूर हो जाता है। उन्होंने कहा कि सावन के महीने में सोमवार के दिन विधि विधान के साथ भगवान शिव का व्रत रखने से गृहस्थ जीवन सुखी होता है व परिवार जनों को उत्तम आरोग्य का वरदान मिलता है।
शिवरात्रि पर्व 2 अगस्त को होगा
पंचांग अनुसार, इस साल सावन शिवरात्रि 2 अगस्त को पढ़ रही है। सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 2 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 26 मिनट से शुरू होगी। वहीं, अगले दिन यानी 3 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में सावन शिवरात्रि व्रत अगस्त 2 अगस्त शुक्रवार को किया जाएगा। सावन शिवरात्रि 2 अगस्त को है। इस दिन आप किसी भी समय कावड़ जल चढ़ सकते हैं और अगले दिन यानि 3 अगस्त को भी 10 बजे तक जल चढ़ा सकते हैं।