रोहतक। रोहतक में ग्रामीण कर्मचारियों से भेदभाव के खिलाफ और पक्के कर्मचारियों का दर्जा देने की मांग को लेकर ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन ने मंगलवार को पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर के घर का घेराव कर रोष प्रदर्शन किया। (सीटू) के तत्वाधान में पिछले मंगलवार से राज्यव्यापी हड़ताल शुरू की हुई है।
गौरतलब है कि सोमवार को हरियाणा में ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने अपनी राज्यव्यापी हड़ताल 23 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। सीटू जिला सचिव कामरेड विनोद ने कहा कि वह भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के संवेदनहीन रवैए के चलते आज मंगलवार को रोहतक में पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के आवास पर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन वे अपने घर पर मौजूद नहीं मिले इसलिए उनके प्रतिनिधि को ज्ञापन सौपा है ।
उन्होंने हरियाणा सरकार की मजदूर और कर्मचारी विरोधी नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री जनसंवाद करते घूम रहे हैं तो दूसरी तरफ सड़कों पर बैठी आशा वर्कर्स और ग्रामीण सफाई कर्मियों से बातचीत करने को तैयार नहीं है। सरकार की मंशा आंदोलन को लम्बा खींचकर थकाने और डराने की है, लेकिन ग्रामीण सफाई कर्मचारी न डरने वाले हैं और न ही थकने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि 17 साल से सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं, लेकिन आज तक भी सरकार ने पक्के नहीं किए। 2014 के चुनावी घोषणा पत्र में 15 हजार वेतन देने का वादा करने वाली भाजपा सरकार ने वेतन में भारी गैर-बराबरी पैदा करके सफाई कर्मचारी विरोधी होने का सबूत दिया है। सीटू महासचिव ने कहा कि सरकार वार्ता करके ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को पक्का करे वर्ना ये आंदोलन और ज्यादा तेज होगा।
ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा (सीटू) के जिला सचिव संदीप लाढोत, सह सचिव धर्मवीर ने कहा कि पिछले 8 दिन से हरियाणा के 22 जिलों के 11 हजार ग्रामीण सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं, लेकिन सरकार हठधर्मिता पर उतरी हुई है। सरकार वार्ता करके मसलों का समाधान करने की बजाय आंदोलन को लम्बा खींचकर तोड़ने की नीति अपना रही है। जिसको किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
हड़ताल से बाधित होने वाले सफाई कार्य से अगर सरकार बचना चाहती है और सफाई कर्मियों के प्रति अपनी कोई हमदर्दी रखती है तो सरकार वार्ता करके मांगों और समस्याओं का समाधान करे। नहीं तो हमे इससे भी बड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
हरियाणा ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की मुख्य मांगे
• विधान सभा मे पॉलिसी बनाकर सफाई कर्मियों को पक्का किया जाए।
• सभी ग्रामीण सफाई कर्मियों को बीडीपीओ के पेरोल पर लिया जाए।
• हरियाणा रोजगार कौशल निगम को भंग किया जाए और सफाई कर्मियों को पक्का किया जाए।
• सभी सफाई कर्मियों के लिए 26000 रुपये मासिक न्यूनतम वेतन लागू किया जाए।
• 2000 की बजाए 400 की आबादी पर एक कर्मचारी की स्थाई नियुक्ति करते हुए सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए।
• डोर टू डोर के कर्मचारियों को ग्रामीण सफाई कर्मियों के बराबर वेतन व वर्दी भत्ता दिया जाए और पीएफ ईएसआई में कवि किया जाए।
• 500 रुपये मासिक काम के औजारों का भत्ता तय किया जाए।
• 500 रुपये मासिक वर्दी धुलाई भत्ता लागू किया जाए।
• एक्ससग्रेसिया नीति के तहत परिवार के सदस्य को काम पर रखा जाए तथा मुख्यमंत्री कि घोषणा अनुसार 4 अप्रैल 2021 के बाद जिन कर्मियों की मृत्यु हो चुकी उन सभी कर्मियों को मुआवजा राशि का भुगतान किया जाए।
• दिवाली पर बोनस और कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई के लिए शिक्षा भत्ता लागू किया जाए।
• सौ-सौ गज के प्लाट और मकान बनाने के लिए अनुदान दिया जाए।
• बेगार से बचाने के लिए काम की देखरेख के लिए सफाई कर्मियों में से पढ़े लिखे लोगों को सुपरवाइज लगाया जाए।